अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा, महिलाओं को कार्यस्थल पर आत्मसम्मान के साथ काम करने का अधिकार गुरुग्राम, 25 अक्तूबर। अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि प्रत्येक महिला को यह अधिकार है कि वह कार्यस्थल पर अपने सम्मान व स्वाभिमान के साथ काम कर सकें। इसलिए हर संस्थान का यह उत्तरदायित्व है कि वहां कार्यरत महिलाओं को अच्छा व स्वस्थ माहौल उपलब्ध करवाया जाए। श्री मीणा आज लघु सचिवालय स्थित सभागार में यौन उत्पीड़न निरोधक अधिनियम-2013 के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों में बनाई गई आंतरिक समिति(आईसी) के सदस्यों सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत महिलाओं को अच्छा माहौल उपलब्ध करवाना संस्थान का उत्तरदायित्व है जिनकी जानकारी महिलाओं को होना अत्यंत आवश्यक है। श्री मीणा ने कहा कि पीड़ित को न्याय देने में देरी करना उसको न्याय से वंचित करना है। उक्त कथन को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं । यदि किसी भी अधिकारी के पास कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न से सम्बंधित कोई भी शिकायत प्राप्त होती है तो वे उसे 7 दिनों के अंदर जिला स्तरीय कमेटी के पास भेजना सुनिश्चित करे ताकि पीड़ित को समय पर न्याय मिल सके। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि यदि कार्यस्थल की आंतरिक शिकायत कमेटी ने शिकायकर्ता को न्याय देने में किसी प्रकार के नियमों का उलंघन किया तो एक्ट में संबंधित व्यक्ति पर भी उचित कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है । उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान जहां पर 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हों, के लिए अनिवार्य है कि वे अपने संस्थान में आईसी का गठन अवश्य करें। उन्होंने कार्यशाला से जुड़े सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कार्यशाला के दौरान एक्ट में दिए गए प्रावधानों को बारिकी से समझें ताकि उन्हें इसे लागू करने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। कार्यशाला में पोशका नामक एनजीओ की प्रेसीडेंट डॉ सुरभि ढींगरा ने उपरोक्त अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न में वर्क प्लेस को परिभाषित करते हुए कहा कि वर्क प्लेस की कोई सीमा नही है। व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र से जुड़ी मीटिंग के लिए कार्यालय से कहीं भी विजिट करेंगे वह सभी जगह वर्क प्लेस में काउंट की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि आपका नियोक्ता आपकी शिकायत पर एक्शन नहीं लेता है। तो आप कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते है। डॉ सुरभि ने बताया कि किसी सहकर्मी द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश अथवा तश्वीर भेजना भी यौन उत्पीड़न है। आईटी एक्ट में यह साफ दर्शाया गया है कि कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे व्यक्ति के साथ कोई संदेश अथवा तस्वीर सांझा करता है तो उसने अपने विवेक का पूर्ण इस्तेमाल किया है। इस अवसर पर गुरुग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी, महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सुनैना सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे । Post navigation आजादी का अमृत महोत्सव अब 15 अगस्त 2023 तक मनाया जाएगा पुलिस के फ्लैग डे अभियान के तहत स्कूलों में खेल प्रतियोगिता