महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक : एडीसी श्री मीणा गुरुग्राम,20 अक्तूबर। गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा है कि हमें अपनी पीढिय़ों को रामायण जैसे महाकाव्यों से अवगत करा उनके मूल्यों के आधार पर जीवन जीने की प्रेरणा देनी चाहिए। उन्होंने कहा शिक्षा सिर्फ जीवन में कामयाबी की ही न हो, बल्कि संस्कारों की भी हो। हमारे पवित्र काव्यों, ग्रंथों से हम बच्चों में संस्कारों का समावेश कर सकते हैं। वे आज बसई एनक्लेव स्थित ग्रीनफील्ड पब्लिक स्कूल में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। श्री मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में हमें अपने बच्चों, युवा पीढ़ी को धार्मिकता से जोड़कर उन्हें इसकी महत्ता बतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम बाल्यकाल से ही बच्चों को संस्कारों की शिक्षा देंगे तो वे जीवन में सभ्य व्यक्ति बनेंगे और समाज सुधार में भी उनका योगदान होगा। श्री मीणा ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने जीवन की बुराइयों को छोड़कर अच्छाई ग्रहण कर हम सब के लिए प्रेरणादायक जीवन जीने की एक नई राह दिखाई थी। उन्हें किसी समाज विशेष से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। महर्षि ने बिना किसी भेदभाव के सबको बराबर शिक्षा दी। महर्षि का जीवन समस्त समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है और उन द्वारा दी गई शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। गौरतलब है कि सरकार के निर्णयानुसार महर्षि वाल्मीकि जयंती बुधवार को विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर मनाई गई। इसी कड़ी में यह उपरोक्त कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में महर्षि वाल्मीकि के जीवन के प्रेरणादायक प्रसंगों के मंचन के साथ साथ भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया । इस दौरान कार्यक्रम में आने वाले लोगों को लंगर के माध्यम से प्रसाद भी वितरित किया गया। कार्यक्रम में जिला कल्याण अधिकारी विनोद चावला, तहसील कल्याण अधिकारी कमल किशोर सहित जिला के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। Post navigation स्पीड स्केटिंग में सब जूनियर वर्ग में फतेहाबाद बना चैम्पियनः रेडक्रॉस शाखा में दिव्यांगों के 21 अक्टूबर से पंजीकरण शुरू