भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । सर्व समाज मंच के तत्वावधान में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रकरण पर यादव महासभा सभागार महेंद्रगढ़ में एक मीटिंग हुई । डॉक्टर प्रेमराज की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में मंच के अध्यक्ष और मीटिंग के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने विषय बारे जानकारी लोगों को दी । मीटिंग के दौरान निर्णय लिया कि सरकार के इस धोखे से जनता बडी आहत है और शिघ्र इसके लिए एक व्यापक जन आंदोलन शुरू किया जाएगा । विषय की जानकारी देते हुए मंच के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड ने सन 2005 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास हेतु अधिसूचित “प्रारूप क्षेत्रीय योजना- 2021” तैयार किया , था जो विकास का एक ऐसा बहुआयामी कदम है जो सम्बन्धित क्षेत्र के विश्वस्तरीय विकास की गारंटी देता है । उन्होने बताया कि इसके अंतर्गत अधिवास-प्रणालियों, आर्थिक गतिविधियों, परिवहन, दूरसंचार, क्षेत्रीय भूमि उपयोग, अवसरंचना सुविधाओं जैसे विद्युत और भूमि, सामाजिक अवसंरचना, पर्यावरण, विपदा प्रबंधन, विरासत एवं पर्यटन से संबंधित परस्पर-संबंधित नीति ढांचा के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार तथा अच्छी कृषि भूमि के संरक्षण और सुरक्षा के लिए युक्तियुक्त क्षेत्रीय भूमि उपयोग प्रतिदर्श, पर्यावरणीय संवेदी क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों के लिए अनुत्पादक भूमि का उपयोग करने के लिए शहरी और ग्रामीण अधिवासों के सतत विकास के लिए एक मॉडल उपलब्ध कराया जाता है। मंच अध्यक्ष ने जानकारी दी कि ये हाई-वे, बाई पास, मैट्रो व कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य जो हो रहे और सम्भावित हैं, ये लगभग इसी योजना के अंतर्गत हैं तथा इस योजना में क्षेत्र को देश की अन्य नदियों से व नहरों से जोड़कर भूजल स्तर सुधार का भी प्लान है । उन्होने जानकारी दी कि एनसीआर के लिए क्षेत्रीय योजना में तीव्र गति से शहर के स्वरुप में परिवर्तित होते जा रहे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विविध प्रकार के विलुप्त होते जा रहे प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूमि, जल, वन, वन्य जीव-जंतुओं और वनस्पतियों, दोनों दृष्टियों से जैव-विविधिता के संबंध में अत्यधिक चिंता व्यक्त की गई है। वर्तमान में हो रहे तेजी से विकास और शहरीकरण को देखते हुए और विद्यमान भूमि पर एसईजैड जैसे आर्थिक विकास के दृष्टिकोण में हो रहे परिवर्तन के समक्ष जोखिमपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति का कारण न केवल बेतरतीब ढंग से हुए अव्यवस्थित विकास, अनधिकृत निर्माण, अतिक्रमण के परिणामस्वरुप अस्तित्व में आयी दुर्दशापूर्ण मलिन बस्तियों और झुग्गी-झोपडी क्षेत्र हैं बल्कि इस क्षेत्र के केन्द्र बिन्दू में असंतुलित विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए क्षेत्र का असंतुलित ढंग से विकास करना है। मंच अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना में विनिर्दिष्ट नीतियों के अनुपालन में और ग्रामीण-शहरी क्षेत्र के अविच्छिन्न संबंध पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अच्छी कृषि भूमि को अनियमित रुप से गैर कृषि उपयोगों में परिवर्तन से बचाने और क्षेत्र के संतुलित विकास की दृष्टि से शहरी बस्तियों और इसके साथ-साथ ग्रामीण बस्तियों दोनों के लिए अलग-अलग स्तर पर विभिन्न योजनाओं को पहले से ही तैयार करने का प्रारूप है। इसके अलावा, एनसीआर का संतुलित विकास करने के लिए आश्रय, जल, सीवरेज, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, अपवहन, विद्युत, परिवहन आदि जैसी आवश्यक सेवाएं, उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न प्रस्तावों कार्य-नीतियों परियोजनाओं का संघटक राज्य सरकारों, केन्द्रीय मंत्रालयों और उनके संबंधित विभागों अभिकरणों द्वारा समयबद्ध रुप से कार्यान्वयन भी किया जाता है । इसके अलावा योजना में जल और विद्युत की उपलब्धता में सुधार करने और इसमें संवृद्धि के लिए संबंधित अभिकरणों द्वारा नवीन दृष्टिकोण और नव-प्रवर्तनीय प्रविधियों को अपनाना अपेक्षित है। भू-जल पुनर्भरण और जल संचयन को भवन निर्माण उप-विधियों में जोडे जाना अपेक्षित है और जल पुनर्भरण क्षेत्रों के संरक्षण के लिए संघटक राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न नगर योजना अधिनियमों में संशोधन करना भी अपेक्षित है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना की विभिन्न नीतियों और प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न विभागों अभिकरणों के माध्यम से समयबद्ध रुप से संघटक राज्य सरकारों और केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा करना आवश्यक होना होता है । यह सब तब सम्भव है जब कोई क्षेत्र इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा हो | अध्यक्षीय भाषण में बोलते हुए डॉक्टर प्रेमराज ने कहा कि जिला महेन्द्रगढ़ में उक्त सम्भावित सुविधाओँ की शुरुआत हो चुकी थी , मगर अब जिला को बाहर करने उक्त सभी सुविधाओं से वंचित रहने का नुकसान झेलना पड़ेगा | इस विषय पर व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है | इस विषय में पूर्व सांसद श्रीमती श्रुति चौधरी ने फ़ोन पर अपनी बात रखी, कांग्रेस के निवर्तमान प्रधान सुरेन्द्र नम्बरदार, बहुजन समाज पार्टी के शीतलदास व प्रजा भलाई मंच के अध्यक्ष अतरलाल ने कहा कि सरकार ने जिला को एनसीआर से बाहर करके भारी धोखा किया है |जिला पार्षद विनोद भील, पंचायत समिति महेन्द्रगढ़ के पूर्व चेयरमैन सूरत सिंह,सुमेर सिंह, लक्की सीगडा, संजय ब्रह्मचारी, विनोद पाली, डॉक्टर एच डी यादव, कर्मचारी महासंघ के प्रवक्ता महावीर पहलवान, रमेश सैनी, रमेश महलावत, सत्यवीर झूकिया,बीरेन्द्र मोहल्डा, नरपत चौहान, मास्टर बस्तीराम, धोलु खातौद, ईश्वर सरपंच, इन्द्रलाल शर्मा, सुमेर सिंह स्याणा, महावीर सरपंच,व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे| Post navigation मौसम विभाग के अनुसार रविवार व सोमवार को बारिश होने का अंदेशा मिठाई की दुकान में तोड़–फोड़ व रंगदारी वसूली के मामले में पुलिस ने 2 बदमाशों को किया गिरफ्तार