विद्रोही ने कहा कि चाहे 2025 तक हर घर को एक रोजगार देने का दावा हो या 2022 तक किसान आय दोगुना करने का दावा हो या फसल एमएसपी होने का जुमला हो, उक्त सभी दावे जुमले है

रेवाड़ी – 18 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपाई-संघी बेशर्मी से झूठ बोलकर जुमलेबाजी करकेे आमजनों को ठगने में जरा भी शर्म महसूसे नही करते। विद्रोही ने कहा कि जनता में बदनाम, अलोकप्रिय हो चुकी हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर अब लोगों की वोट हडपने जुमला उछाल रहे है कि वर्ष 2025 तक भाजपा हर घर को एक-एक नौकरी देगी। भाजपा खट्टर राज में जो हरियाणा पूरे देश को अपने उ़द्योगों में रोजगार देने में सिरमौर राज्य था, अब वहीं हरियाणा देश में बेरोजगारी का सिरमौर बन चुका है। जो प्रदेश में बेराजगारी में नवम्बर वन हो, उस राज्य का मुख्यमंत्री वर्ष 2025 तक पूरे प्रदेश में हर घर को रोजगार देने का जुमला उछाले, इससे अधिक क्रूर मजका और क्या हो सकता है। भाजपा-जजपा सरकार ने विधानसभा में कानून पारित करके निजी उद्योगों में भी हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण देने का कानून बनाकर युवाओं की आंखों में धूल झोंकी है। 

विद्रोही ने कहा कि कानून बनाने के बाद भी अब इसके लागू होने के बीच में हरियाणा सरकार ने इस कानून के नियमों में कई संशोधन करके पहले ही इस कानून को भोथरा बना दिया है। उद्योगपतियों व निजी उद्योगों के भारी विरोध के बाद इस कानून के ऐसे नियम बनाये गए है जिसके बाद निजी क्षेत्र में युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून युवोओं के साथ एक क्रूर मजाक के अलावा कुछ नही है। पहले कहा गया था कि 50 हजार रूपये मासिक सैलरी की पोस्टों पर यह कानून लागू होगा, अब इसे लागू करते समय मासिक सैलरी की सीमा 30 हजार रूपये कर दी गई। वहीं कई शर्ते भी थोप दी। विद्रोही ने सवाल किया कि पुराने उद्योगा में नये रोजगार नही, नये उद्योगों पर यह तत्काल लागू नही होगा तो फिर इस कथित 75 प्रतिशत आरक्षण से हरियाणा के युवाओं को निजी क्षेत्र की बजाय क्या आसमान में नौकरी मिलेगी? ऐसा भोथरा कानून बनाकर भाजपा-जजपा सरकार युवाओं की आंखों में धूल झोंककर केवल वोट बैंक की गंदी राजनीति करके उन्हे भावनात्मक रूप से ठग रही है। 

विद्रोही ने कहा कि इसी तरह भाजपा ने किसानों को ठगने के लिए वर्ष 2022 तक किसान आय दोगुना करने का जुमला उछाला था। हकीकत में किसान आय दोगुनो होने की बजाय वर्ष 2014 की तुलना में घट गई। वहीं वर्ष 2014 की तुलना में आज हरियाणा का किसान कहीं ज्यादा बैंक कृषि ऋण के बोझ से दबकर आर्थिक रूप से खस्तााहल बन गया। तीन काले कृषिे कानूनों के विरोध होने पर भाजपा सरकार ने जुमला उछाला कि एमएसपी था, है और रहेगा। मंडियों में फसल एमएसपी नही मिल रहा, यह अंधा भी देख सकता है। बाजरेे का एमएसपी 2250 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि किसान का बाजरा 1100 से 1300 रूपये में लूटा जा रहा है। हरियाणा सरकार बाजरे को भावांतर योजना के तहत डालकर सरकारी खरीद से पल्ला झाड़ चुकी है। विद्रोही ने कहा कि चाहे 2025 तक हर घर को एक रोजगार देने का दावा हो या 2022 तक किसान आय दोगुना करने का दावा हो या फसल एमएसपी होने का जुमला हो, उक्त सभी दावे जुमले है और जुमलेबाजी करके भाजपा-संघी सरकार युवाओं व किसानों को भावनात्मतक रूप से ठगकर बर्बादी की और धकेल रही है। 

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