सरसों की बिजाई का समय हाथ से निकलता जा रहा किसान बिना डीएपी खाद के बिजाई कैसे करे ? विद्रोही

किसान रात को खाद के लिए लाईन में लगते है, दिनभर लाईन में खड़े रहते है, पुलिस संगीनों में खाद बाटा जा रहा है, फिर भी किसान को खाद नही मिल रहा : विद्रोही
मुख्यंमत्री खट्टर से मांग की कि वे किसानों को ठगने व कृषि वैज्ञानिक बनकर डीएपी खाद का विकल्प पेश करने और खाद की कमी न रहने देने की जुमलेबाजी करने की बजाय जमीन पर किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद मिलेे, इसकी तत्काल व्यवस्था करे।

रेवाड़ी, 17 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार प्रदेश में किसानों को रबी फसल की बिजाई के लिए पर्याप्त डीएपी खाद देने में नाकाम साबित हुई। दक्षिणी हरियाणा में हालत यह है कि किसान डीएपी खाद लेने के लिए रात को ही लाईन में लग जाते है, पुलिस संगीनों में खाद बाटा जा रहा है, फिर भी किसानों को खाद नही मिल रहा। विद्रोही ने सवाल किया कि किसान खाद के लिए दिन-रात लाईन में खडा रहे या अपने खेत में रबी फसल की बिजाई की व्यवस्था करे? इस क्षेत्र में सरसों की बिजाई का समय हाथ से निकलता जा रहा है। आखिर किसान बिना डीएपी खाद के सरसों की बिजाई कैसे करे? सरकार डीएपी खाद की व्यवस्था करने की बजाय विकल्प के तौर पर अन्य खाद का प्रयोग करने का जुमला उछालती है। सवाल उठता है कि जब दूसरे खाद के प्रयोग से सरसों का उत्पादन प्रभावित होगा, तब घाटे की खेती में पिसते हुए किसान पर कृषि बैंक ऋण और बढ़ेगा, उसका जिम्मेदार कौन होगा? 

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर व संघी विगत कांग्रेस सरकार पर तंज कसते थे कि कांग्रेस राज में किसानों को खाद के लिए भी लाईनों में लगना पड़ता था, पुलिस लाठिया बरसाती थी, फिर भी खाद नही मिलता था। खट्टर जी बताये आज क्या हो रहा है? किसान रात को खाद के लिए लाईन में लगते है, दिनभर लाईन में खड़े रहते है, पुलिस संगीनों में खाद बाटा जा रहा है, फिर भी किसान को खाद नही मिल रहा। दक्षिणी हरियाणा में सरसों की बिजाई में डीएपी खाद की कमी से पहले ही देरी हो चुकी है और यदि यही स्थिति रही तो किसान के लिए सरसों बोना घाटे का ऐसा सौदा बनेगा जिससे वह घाटे की खेती में पिसकर कर्ज बोझ के कुचक्र में फंसकर आने वाले पांच वर्षो में भी अथक मेहनत करके इस कर्ज कुचक्र से नही निकल पायेगा।

विद्रोही ने कहा कि सरकारी अधिकारी, भाजपा सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक मीडिया में बयान बहादुन बनकर डीएपी खाद की कमी न रहने का दावा करते है। खाद आने की तारीख पर तारीख देकर किसनों को ठगते है, पर जमीन पर वही ढाक के तीन पात वाली स्थिति बनी हुई है। पूरे हरियाणा में किसान खाद के लिए मारा-मारा फिर रहा है, फिर भी उसे खाद नही मिल रहा। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यंमत्री खट्टर से मांग की कि वे किसानों को ठगने व कृषि वैज्ञानिक बनकर डीएपी खाद का विकल्प पेश करने और खाद की कमी न रहने देने की जुमलेबाजी करने की बजाय जमीन पर किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद मिलेे, इसकी तत्काल व्यवस्था करे। 

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