मोदी-शाह-खट्टर बडी सुनियोजित ढंग से केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की बिसात बिछा रहे है। राव को प्रयोग करके अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा में भाजपा-संघ की जो जड़े संघीयों ने जमानी थी वह जमा ली, अब वे राव को एक सजावटी राजनीतिक अतिथि कलाकार की तरह भाजपा में देख रहे है। 15 अक्टूबर 2021स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा में अब राव इन्द्रजीत सिंह के बोलों का कोई मोल नही है। विद्रोही ने कहा कि राजनीतिक धरातल का कटु सत्य यही है कि मोदी-शाह-खट्टर बडी सुनियोजित ढंग से केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की बिसात बिछा रहे है। राव को प्रयोग करके अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा में भाजपा-संघ की जो जड़े संघीयों ने जमानी थी वह जमा ली, अब वे राव को एक सजावटी राजनीतिक अतिथि कालाकार की तरह भाजपा में देख रहे है। इसका ताजा उदाहरण एक सप्ताह पूर्व मानेसर की जनसभा में राव इन्द्रजीत सिंह द्वारा सोमवार अर्थात 11 अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद हरियाणा में शुरू हो जायेगी, यह दावा भाजपा खट्टर सरकार ने सफेद झूठ साबित कर दिया। विद्रोही ने कहा कि उन्हे नही लगता कि मानेेसर जनसभा में राव साहब ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से चर्चा किये बिना बाजरा खरीद का ऐलान किया होगा। लगता है कि मुख्यमंत्री ने राव को ऐसी सहमति देने के बाद उनको भाजपा में उनकी हैसियत दिखाने जान-बूझकर उन्हे गलत साबित किया। यदि अब भी राव को समझ नही आ रहा है कि भाजपा में उनकी क्या हैसियत है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हैै। कटु सत्य यह है कि आज हरियाणा भाजपा में राव इन्द्रजीत सिंह सबसे बड़े जनाधार वाले नेता है और अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के बिना किन्तु-परंतु के एकक्षत्र कद्दावर नेता है। विद्रोही ने कहा कि जब अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के एकमात्र कद्दावर नेता राव के बोलों का भाजपा सरकार में कोई मोल तक नही है तो साफ है कि दक्षिणी हरियाणा की जनता के हितों का भी भाजपा में कोई मोल नही है। ऐसी स्थिति में दक्षिणी हरियाणा के लोगों व राव इन्द्रजीत सिंह को गंभीरता से विचारना चाहिए कि जिस भाजपा को इतना भारी एकतरफा जनसमर्थन देने के बाद भी उनके क्षेत्रों के हितों की परवाह तक नही की जा रही है, ऐसा दल व सरकार उनका कैसे राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक रूप से हितैषी हो सकता है? Post navigation बिना एनओसी मिले, एम्स निर्माण की औपचारिकताएं कैसे पूरी हो सकती है : विद्रोही बड़ा कौन ? …….मुख्यमंत्री या सतीश खोला