मुख्यमंत्री, प्रशासन बेशक दावा करे कि एम्स निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई, पर तब तक उक्त औपचारिकताएं कानूनी रूप से कागजों में पूरी नही होती, तब तक ऐसे दावों का कोई औचित्य नही। विद्रोही

रेवाडी , 14 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, राव इन्द्रजीत सिंह, अधिकारियों व माजरा गांव के किसानों के साथ हुई बैठक बाद मुख्यमंत्री ने दावा किया कि रेवाडी जिले के माजरा गांव में एम्स बनाने से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई है। विद्रोही ने कहा कि यदि माजरा-रेवाड़ी में एम्स बनाने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई तो स्वागत है। पर कटु सत्य यह भी है ऐसा दावा तो भाजपा खट्टर सरकार विगत दो माह में कई बार कर चुकी है, पर जब तक धरातल पर इस दावे को उतारकर काम शुरू नही किया जाता, तब तक ऐसे दावों पर विश्वास करना कठिन है। बुधवार को चंडीगढ़ बैठक में औपचारिकताएं पूरी करने, जमीन अधिग्रहण मुआवजा स्वीकृत करने के दावे तो किये, पर सरकार द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति में इस बात का कही भी विवरण नही है कि किस तारीख को माजरा के किसानों के बैंक खातों में जमीन की मुआवजा राशी डाल दी जायेगी और न ही बताया गया कि किस तारीख तक उक्त जमीन सरकार अपने कब्जे में लेकर राजस्व विभाग के रिकार्ड में एम्स के नाम कर देगी।

विद्रोही ने कहा कि चंडीगढ़ की उक्त बैठक में इन मुद्दों पर निश्चित तारीख मुख्यमंत्री ने क्यों तय नही की? शीघ्र मुआवजा देने व जमीन का कब्ज लेने का वह शीघ्र समय कब आयेगा, यह बताने में सरकार को क्या परेशानी है? सरकार कह रही है कि एम्स सम्बन्धित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली है। सवाल उठता है कि एम्स के लिए माजरा की जमीन का अधिग्रहण करके राजस्व विभाग रिकार्ड में एम्स के नाम किये बिना सभी औपचारिकताएं कैसे पूरी हो गई? क्या सरकार ने केन्द्रीय पर्यावरणीय समिति से माजरा एम्स की जमीन की एनओसी ले ली है। बिना एनओसी मिले, एम्स निर्माण की औपचारिकताएं कैसे पूरी हो सकती है। 

विद्रोही ने कहा कि बैठक से पहले उन्होंने सार्वजनिक मांग की थी कि सरकार चंडीगढ़ बैठक में एम्स निर्माण से सम्बन्धित हर काम का एक चार्ट बनाकर तय करे कि इस तारीख तक यह काम पूरा हो जायेगा। पर उक्त बैठक में भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री ने ऐसा कोई कलेंडर नही बनाया। जब तक एम्स निर्माण से सम्बन्धित हर काम को पूरा करने का कलेंडर नही बनेगा, तब तक एम्स निर्माण का अवधि सांप की आंत की तरह बढती जायेगी। कछुआ गति से चलने के खट्टर जी के रवैये से कैसे विश्वास हो कि एम्स निर्माण कार्य शीघ्र होगा?

मुख्यमंत्री, प्रशासन बेशक दावा करे कि एम्स निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई, पर तब तक उक्त औपचारिकताएं कानूनी रूप से कागजों में पूरी नही होती, तब तक ऐसे दावों का कोई औचित्य नही।

विद्रोही ने कहा कि अभी तक केवल यह तय हुआ है कि माजरा-रेवाडी में एम्स बनेगा, पर आखिरकार यह एम्स कब बनेगा यह अभी भी अंधकार में है। जरूरत इस बात की है कि एम्स निर्माण का हर काम एक निश्चित समय अवधि में पूरा हो, इसके लिए भाजपा सरकार कलेंडर जारी करे ताकि भाजपा सरकार की कथनी-करनी में एकरूपता नजर आये। 

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