मां की उपासना से धन, ऐश्वर्य और सुंदर काया की होती है प्राप्ति

गुरुग्राम: श्री माता शीतला देवी मंदिर श्राइन बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं आचार्य पुरोहित संघ गुरुग्राम के अध्यक्ष पंडित अमर चंद भारद्वाज ने कहा कि शारदीय नवरात्र की अष्टमी बुधवार को मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति देवी महागौरी की उपासना होगी। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी नवरात्रि का अष्टम दिन नवदुर्गा के आठवें रुप महागौरी को समर्पित है। महागौरी की आभा श्वेत एवं चमत्कारी है। मां के इस रुप की अराधना करने से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और सुंदर काया की प्राप्ति होती है। इनका वाहन वृषभ है। जो की परिश्रम से धन अर्जन करने और यश व कीर्ति का चिन्ह है। मां गौरी के इस रुप में चन्द्र समान तेज व सौम्यता झलकती है। भगवान शिव ने महागौरी को सदा सुंदर और गौर वर्ण का वरदान दिया है। जिन लोगों की भी धन संबंधित परेशानियां हैं या रुपवान बनने के इच्छा वान हैं। उन्हें महागौरी की इस विधि से अराधना करनी चाहिए। सफेद पुष्पों, दूध और दूध से बने मिष्ठान, सफेद मक्खन से महागौरी को प्रसन्न करें। ऐसा करने से धन की प्राप्ति होती है। आस्था और विश्वास के साथ मां का पूजन अर्चन करने से करने से आपके न सिर्फ इस जन्म के बल्कि पूर्व जन्म के पाप भी कट जाते हैं। पुण्य संचित होकर इस जन्म में हर प्रकार का सुख मिलता है। उत्तर दिशा में बैठकर महागौरी का ध्यान करते हुए सफेद आसन पर बैठकर पूजन करें।

माता महागौरी की कथा

पंडित अमरचंद भारद्वाज ने कहा कि अपने पूर्व जन्म में मां ने पार्वती रूप में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी तथा शिव जी को पति स्वरूप प्राप्त किया था। शिव जी की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या करते हुए मां गौरी का शरीर धूल मिट्टी से ढंककर मलिन यानि काला हो गया था। जब शिवजी ने गंगाजल से इनके शरीर को धोया तब गौरी जी का शरीर गौर व दैदीप्यमान हो गया। तब ये देवी महागौरी के नाम से विख्यात हुईं। नवरात्र के दिनों में मां महागौरी की उपासना का सबसे बड़ा फल उन लोगों को मिलता है जिनकी कुंडली में विवाह से संबंधित परेशानियां हों। महागौरी की उपासना से मनपसंद जीवन साथी एवं शीघ्र विवाह संपन्न होगा। मां कुंवारी कन्याओं से शीघ्र प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होने का वरदान देती हैं। महागौरी जी ने खुद तप करके भगवान शिवजी जैसा वर प्राप्त किया था ऐसे में वह अविवाहित लोगों की परेशानी को समझती और उनके प्रति दया दृष्टि रखती हैं। यदि किसी के विवाह में विलंब हो रहा हो तो वह भगवती महागौरी की साधना करें, मनोरथ पूर्ण होगा। इसलिए अष्टमी को कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने का भी विधान है। ऐसा करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ऐसा करें

पंडित अमरचंद ने कहा कि माता महागौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधि विधान के साथ माता के चित्र को यथोचित स्थान देना चाहिए। शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर पश्चिम दिशा में महागौरी का चित्र लगाने से पैसा और सुंदरता का वरदान मिलता है। घर के ब्रह्म स्थान स्थान में नंदी जी का चित्र रखने से घर से हर प्रकार के दुख, क्लेश और दरिद्रता दूर होती है। मुख्यद्वार पर चंदन का लेप करने से धन वर्षा होने लगती है। ईशान कोण में शुद्ध देसी घी का दीपक लगाएं। माता को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

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