भाजपा ने जबसे केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव को सांसद राव इंद्रजीत सिंह के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है तबसे सांसद महोदय की सक्रियता अपनी कॉस्टिचुऐंसी में निरंतर बढ़ गई फिर चाहें पाटौदा शहीद सम्मान रैली हो या फिर कासन में किसान सम्मान रैली करना हो – कारण उनकी राजनीतिक जमीन का खिसकना ही नजर आ रहा है तभी शायद वह लोगों का हुजूम दिखाकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी लोकप्रियता अभी कम नहीं हुई है भीड़ बहुत भारी जुटा सकते हैं आज भी फिर चाहें उन्हें बार-बालाओं का ही सहारा क्यों न लेना पड़े । बात कासन में आयोजित किसान सम्मान रैली की करें तो केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीय जी को वहां आमंत्रित किया गया था उनसे क्षेत्र के किसानों की जमीनों के बढ़े हुए मुआवजे जमा करने वाले नोटिसों को कैंसिल करवाने का एलान कराया और क्षेत्र के भोले किसानों के बाजरे की फसल की मंडियों में बिक्री शरू कराने के लिए आदेश दिलवाने का कार्य किया तथा किसानों के लिए खाद की उपलब्धता हेतु कोटा बढ़ाने का आश्वासन दिलाया और मंच से उन्होंने चिंता जाहिर की क्षेत्र के युवाओं को न मिलने वाले रोजगार की , बड़ी बात है और शायद इसलिए सम्मान भी किया गया किसानों द्वारा । पाटौदा रैली के मंच पर ओपी धनखड़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मौजूद रहते हैं तब और कल कासन में की गई किसान सम्मान रैली के मंच पर जिलाकार्यकरिणी और क्षेत्रीय नेतृत्व गैरहाजिर रहा जिले की अध्यक्षया उपाध्यक्ष महामंत्री कोई भी शामिल नहीं हुआ – बड़ा सवाल यदि यह कार्यक्रम भाजपा की अनुमति से हुआ था तो कार्यकारिणी की गैरमौजूदगी क्यों रही और प्रोटोकॉल का भी ध्यान नहीं रखा गया और यदि पार्टी की अनुमति से नहीं हुआ तो क्या कोई कारण बताओ नोटिस जारी करेगी जिलाकार्यकरिणी राव इंद्रजीत सिंह को ? और यह भी बताए भाजपा की यदि उन्हें नोटिस जारी करने की स्तिथि में नहीं है तो फिर क्या पुछल्ले नेताओं पर ही नियमों की उलंघ्ना करने का नोटिस जारी कर सकती है अध्यक्ष महोदया ? इधर दिग्विजय चौटाला ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव को लेकर दिए गए बयान में कहा गया है कि उनके द्वारा राव इंद्रजीत सिंह की किसान रैली का विरोध क्यों नहीं किया गया और जिसका सीधा अभिप्राय यह निकलता है कि दिग्विजय चौटाला राव इंद्रजीत सिंह और किसान मोर्चे के नेताओं में मिलीभगत करने का आरोप लगा रहे हैं अर्थात वह किसान सम्मान रैली को भाजपा सरकार के विरुद्ध कोंग्रेस प्रायोजित कार्यक्रम समझ रहे हैं । तरविंदर सैनी (माईकल ) आम आदमी पार्टी नेता का मानना है कि किसानों के लिए की गई सम्मान रैली से भाजपा नाखुश है और वह मजबूर हैं राव इंद्रजीत सिंह के समक्ष परन्तु वह अपने शब्द दिग्विजय चौटाला के मुँह में डालकर बयान दिलवा रही है और उन्हें अभी से कोंग्रेसी समझ कर चलने लगी है । खैर यह भाजपा के अंदर की कलह है जो अब फुट;फूटकर बाहर आ रही है जिसे आम आदमी पार्टी भाजपा के अंत के रूप में देख रही है ।। Post navigation व्यूसती हैंडलूम फैशन शो गुड़गांव में भरत सिंह बेनीवाल की नाराजगी किस पर पड़ेगी भारी ?