गुरुग्राम: विजय दशमी से नौ दिन पहले से ही श्रीराम की लीलाओं का मंचन देशभर में होता है। इसी क्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी एवं सीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के उपाध्यक्ष श्री बोधराज सीकरी जी ने गुरुग्राम में विभिन्न स्थानों पर चल रहे रामलीला कार्यक्रमों के शुभ मंचन के अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत कर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित किया। दशहरा मैदान, न्यू कॉलोनी में श्री सिकरी जी ने अपने विचार जनता के साथ सांझा करते हुए कहा कि कलयुग और त्रेतायुग में अगर कुछ समानता है तो वह है पर्यावरण असन्तुलन की। श्रीराम ने वनवास के चौदह वर्ष में से तेरह वर्ष केवल पर्यावरण की सुरक्षा में ही बिताए, फिर चाहे राक्षसों का वध रहा या उनके द्वारा वन में रहने वाले प्राणियों की रक्षा। अगर हमें अपनी भावी पीढ़ियों को एक स्वस्थ और निरोग भविष्य देना है उसके लिए हमें पर्यावरण की सुरक्षा हेतु पूर्ण योगदान देना ही होगा है। गुरुग्राम में रामलीला की पावन परम्परा का निर्वहन जिस प्रकार पूर्ण हर्षोल्लास से किया जा रहा है बेहद अविस्मरणीय और प्रशंसनीय है। इसके पश्चात आदर्श रामलीला क्लब,अर्जुन नगर में में पहुंचकर सीकरी जी ने सभी संयोजनकर्ताओं का आभार प्रकट किया तथा श्रीराम जी के जीवनचरित को अपने जीवन का आधार बनाने की बात कही और ये भी कहा को वसुधा की सुरक्षा हेतु श्रीराम ने वनवास को भी सहज स्वीकार कर लिया और पूर्ण समर्पण से प्रकृति की रक्षा की। रावण का वध तो वनवास के अंतिम चरण का परिणाम था उससे पहले पृथ्वी को भयानक ताप से मुक्ति दिलाने का दायित्व उन्होंने जिस भाव से निभाया वो आने वाली अनगिनत पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। इस दौरान उनके साथ श्री सुरेंद्र खुल्लर (श्री केंद्रीय सनातन सभा के प्रधान) तथा यशपाल ग्रोवर (संचालक न्यू आदर्श रामलीला क्लब) उनके साथ उपस्थित रहे। रामलीला क्लब भीम नगर में सीकरी जी ने सभासदों को भी ग्लोबल वार्मिंग को एक चेतावनी के रूप में लेने की बात करते हुए आदर्श नायक श्रीराम के पदचिह्नों का अनुसरण करने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के सभी संयोजक हार्दिक बधाई के पात्र हैं, जो धर्म की अविरल मन्दाकिनी के प्रवाह को हर वर्ष एक नया वेग देकर नई पीढ़ी को भारत की ऐतिहासिक एवं धार्मिक पृष्ठभूमि से अवगत करवाते हैं। इस अवसर पर श्री किशोरी डुडेजा तथा भारत भूषण, जी. एन.गोसाईं, संजय टण्डन इत्यादि कई गणमान्य लोग उनके साथ उपस्थित रहे। इस दौरान सीकरी जी का अनुसरण करते हुए सभी ने पर्यावरण में अपनी सहभागिता को बनाये रखने की शपथ ली। Post navigation सोमवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप फलदायिनी माता कात्यायनी की होगी उपासना: पं. अमरचंद भारद्वाज संगठन की मजबूती को कर्मचारी प्रकोष्ठ संकल्पबद्ध: एमआर लारोइया