भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने ऐलान किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 20 दिन हरियाणा को मोदीमय करके मनाया जाएगा। आज उसका अंतिम दिन था। उन्होंने कहा था कि 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक कार्यक्रम किए जाएंगे लेकिन हरियाणा में उसका असर दिखाई नहीं दिया।

आज उसके अंतिम दिन कहीं से भी कोई समाचार ऐसा नहीं आया कि भाजपा ने कहीं कोई मोदी का कार्यक्रम किया है, जबकि आज उन कार्यक्रमों का समापन दिवस था। स्वयं ओमप्रकाश धनखड़ आज ऐलनाबाद में नए-नए भाजपा में शामिल हुए गोबिंद कांडा का नामांकन कराने में व्यस्त थे।

जब इसका ऐलान किया गया तो आरंभ में हरियाणा के लगभग सभी जिलों में खूब कार्यक्रम नजर आए। यह दूसरी बात है कि वह कार्यक्रम जनता में न होकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने आपस में ही किए थे पर किए थे।

अब गुरुग्राम की बात करें तो गुरुग्राम भी अन्य जिलों से अलग नहीं था। यहां भी औपचारिकताएं पूरी कर कार्यक्रम किए गए। गुरुग्राम में इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं कर गए थे ब्लड डोनेशन कैंप का उद्घाटन कर लेकिन जैसे ही नगर निगम वार्ड 34 के उपचुनाव की घोषणा हुई, यहां कार्यक्रम ठप पड़ गए। गुरुग्राम भाजपा के सभी मोर्चे निगम के उपचुनाव में लग गए। जन्मदिन के कार्यक्रम भूल गए।

वैसे तो भाजपा के पदाधिकारी कोई बात का उत्तर कम ही देते हैं। फिर भी यह बताया गया कि प्रदेश स्तर से निर्देश आए हैं कि निगम के उपचुनाव में जुट जाओ।भाजपा के लगभग सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी चुनाव जुट गए। जो नहीं जुटे, सुनने में आया कि उन्हें जिला कार्यालय से फटकार भी लगी। दो मोर्चों को नोटिस भी दिए गए। अब उन नोटिसों के पीछे कारण क्या है, वह जिनको नोटिस मिले हैं या जिन्होंने दिए हैं, वे बेहतर समझते हैं।

युवा मोर्चो की ओर से ब्लड डोनेशन कैंप जरूर मोदी जी के जन्मदिन के नाम पर लगाए गए परंतु सुनने में आया कि उन कैंपों में भी युवा मोर्चा में आपस में कैंप के खर्चों के बारे में या यूं कहें कि चंदा देने के बारे में अनबन हुई, जिसके परिणाम आने वाले समय में दिखाई देंगे।

युवा मोर्चा ने मोदी के जन्मदिन का एक नायाब तरीका ढूंढा। वह स्कूल के बच्चों में मोदी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराने लगे। शायद इसके पीछे कारण यह रहा होगा कि वे बच्चे जो कोरोना की मार झेलकर इतने समय बाद स्कूल आए हैं, उन्हें पढ़ाई की बजाय मोदी के बारे में पढऩे के लिए प्रेरित कर सकें। ऐसा मैं नहीं कह रहा, कुछ अभिभावकों ने कहा कि इतने समय से तो कोरोना की वजह से स्कूल लग नहीं रहे थे, अब ये मोदी प्रश्नोत्तरी करा दी। बच्चों का वैसे ही पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है। इससे उनका ध्यान दूसरी जगह भटक गया। अब यह तो युवा मोर्चा वाले ही जानें कि उन्होंने बच्चों को मोदी प्रश्नोत्तरी के लिए क्यों चुना? आम जनता को क्यों नहीं?

इसी प्रकार कुछ कार्यक्रम मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान में योगदान के भी किए गए। वह भी भाजपा के पदाधिकारियों और सांसदों द्वारा किए गए। एक कार्यक्रम में तो आज ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सम्मिलित हुई सांसद सुनीता दुग्गल कह गईं कि इस बार दीपावली पर हम दस करोड़ गाय के गोबर से बने दिये जलाएंगे। अब हमारी तो समझ में आया नहीं कि उससे स्वच्छ भारत का या स्वच्छता से क्या संबंध है?

गुरुग्राम की बात करें तो यहां सफाई की सबसे बड़ी एजेंसी इकोग्रीन पर सदा से ही प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं। निगम की सामान्य बैठक में 35 के 35 पार्षद का अर्थ मेयर टीम भी सम्मिलित ने भी कंपनी को बदलने का कहा। परंतु किसी की कोई सुनवाई नहीं हुई।

आज समापन हो गया। अब यह तो प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को विचारना है कि उनके इस कार्यक्रम से कितना मोदीमय हरियाण हुआ? बीच में जो अन्य बड़े महापुरुषों के जन्मदिन आए, उनके बारे में भी धनखड़ जी को विचार करना चाहिए था कि वह भी उनके सिद्धांतों के अनुरूप कुछ दिन तो मनाएं।

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