जितना धैर्य होगा , उतना ही बेहतर निर्णय लेंगे: बी.के. बृजमोहन

हमारे श्रेठ संकल्प और बोल हीलिंग का कार्य करते हैं.
दूसरों को सम्मान देना ही सम्मान के पात्र बनना है.
भावनात्मक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही खुश रह सकता है

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम ।
 ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शान्ति रिट्रीट सेन्टर में लाइफ स्कैपिंग फोर ब्राइटर फ्यूचर विषय पर प्रशासक वर्ग के लिए एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए संस्था के अतिरिक्त  महासचिव बी.के.बृजमोहन ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशासनिक सेवा में निष्पक्षता, गंभीरता, धैर्यता, मधुरता, और नम्रता, ये पांच सिद्धान्त बहुत ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे विचारों में जितनी धैर्यता होगी, उतना ही हम बेहतर निर्णय ले सकते हैं। हमारे संकल्प और बोल हीलिंग का कार्य करते हैं। आध्यात्मिक चिन्तन हमारे संकल्पों को शक्ति प्रदान करता है।

ओम शान्ति रिट्रीट सेन्टर की निदेशिका आशा दीदी ने कार्यक्रम के प्रति अपने आर्शीवचन व्यक्त  करते हुए कहा कि जीवन एक उत्सव है। उन्होंने कहा कि हम स्वयं ही अपने जीवन के निर्माता हैं। अगर हम कोई भी संकल्प शुभ भावना और दृढ़ता से करते हैं तो वो अवश्य ही पूरा होता है। स्वयं के जीवन के अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा कि जितना हम दूसरों को सम्मान देते हैं, उतना ही सम्मान के पात्र बनते हैं। हमें दूसरों के रोल को भी स्वीकार करना चाहिए, तभी हम मानसिक उलझनों से मुक्त रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि खुशनुमा जीवन जीने के लिए दूसरों की प्रशंसा करें।

इस अवसर पर विशेष रूप से सुप्रसिद्ध मोटीवेशनल स्पीकर बी.के.शिवानी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम शरीर का ध्यान तो रखते हैं लेकिन मन का ध्यान नहीं रखते। उन्होंने कहा कि तन की स्वच्छता के साथ मन की स्वच्छता भी बेहद ज़रूरी है। जो दिखाई देता है, उसका तो हम ध्यान रखते हैं लेकिन जो दिखता नहीं है उसका ध्यान नहीं रखते। उन्होंने कहा कि मन बहुत सूक्ष्म है और सूक्ष्म का प्रभाव अधिक पड़ता है। हमारे तन का स्वास्थ्य भी मन के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि हम इमोशनली जितना मजबूत होंगे, उतना ही हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

कार्यक्रम में दिल्ली, जी.बी.पन्त हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा.मोहित गुप्ता ने कहा कि मैं पिछले 37 वर्षों से राजयोग का अ5यास कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि मन की शक्तिशाली स्थिति के द्वारा हम कैसी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता हमें अन्दर की ओर ले जाती है, जिससे कि हम स्वयं के सामर्थ्य को जान सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर समस्या का हल हमारे भीतर है। कार्यक्रम का संचालन बी.के.विधात्री ने किया। कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी, भारतीय पुलिस सेवाओं के अधिकारी, औद्योगिक एवं शिक्षण संस्थाओं के अनेक अधिकारी एवं प्रबन्धकों ने शिरकत की।

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