भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। राव तुलाराम का नाम दक्षिणी हरियाणा में शहीद के रूप में स्थापित है और वर्षों से 23 सितंबर को इस पर कार्यक्रम भी होते रहते हैं। परंतु इस बार पाटौदा में शहीद सम्मान समारोह पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और इसको राजनैतिक बताते हुए राजनीति हो रही है, जिसके प्रमाण लगातार मिल रहे हैं। 

इस सम्मान समारोह में प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ अध्यक्षता करेंगे और राव इंद्रजीत सिंह मुख्य अतिथि होंगे तथा आयोजक पाटौदा के लोग हैं। ऐसे में कहीं यह नहीं लगता कि यह कहीं भाजपा को अपनी ताकत दिखाने के लिए राव इंद्रजीत कर रहे हैं, क्योंकि अध्यक्षता तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ही कर रहे हैं लेकिन धरातल पर दिखाई कुछ और ही दे रहा है। क्षेत्र में इसे राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।

राव इंद्रजीत को एक सभा में कहना पड़ा कि मैं 8 बार एमएलए और 4 बार एमपी रहा हूं, मेरा अपना जनाधार है, कुएं का मेंढक नहीं हूं, हरियाणा में जहां भी लोग मुझे बुलाएंगे मैं जाउंगा। यह बात शायद उन्होंने उन टिप्पणियों पर कही होगी, जो उनके विपक्षी यह कह रहे हैं कि राव तुलाराम के जन्मस्थान और अपने संसदीय क्षेत्र के बाहर कार्यक्रम क्यों कर रहे हैं।

इधर, भाजपा कार्यकर्ता भी भ्रमित हैं कि इस शहीद सम्मान समारोह में उन्हें जाना चाहिए या नहीं। कुछ का कहना है कि शहीद का सम्मान है, समय हो तो अवश्य उपस्थित होकर नमन करना चाहिए। कुछ का कहना है कि यह शक्ति प्रदर्शन है झज्जर जिले में जो भूपेंद्र हुड्डा को अपनी शक्ति का अहसास कराने के लिए है और कुछ सीधे-सीधे यह कहते हैं कि मनोहर लाल खट्टर से उनका 36 का आंकड़ा रहता है। मनोहर लाल खट्टर ने उनके क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा कराई तो उसके प्रतियुत्तर में राव दिखाना चाहते हैं कि देख लो मेरे क्षेत्र की तो बात क्या, मैं अपने क्षेत्र से निकलकर अन्य क्षेत्रों में भी अपना वजूद रखता हूं। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जो कार्यकर्ता मोदी के जन्मदिन के कार्यक्रमों में एकत्र होते हैं, वहां भी शहीद सम्मान समारोह की चर्चा अवश्य होती है।

राजनैतिक चर्चाकारों का कहना है कि हरियाणा की राजनीति में 23 सितंबर को यह शहीद सम्मान समारोह 25 सितंबर को इनेलो और जजपा का ताऊ देवीलाल के जन्मदिन वाले कार्यक्रमों के पश्चात हरियाणा की राजनीति के रुख में बदलाव आ सकता है।

इस कार्यक्रम के पोस्टर में गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला का फोटो है लेकिन वह शहीद सम्मान समारोह के लिए लोगों को आमंत्रित करते अभी तक नजर नहीं आए हैं। इसके विपरीत मेयर मधु आजाद का उसमें फोटो नहीं है लेकिन वह लोगों को सम्मान समारोह के लिए आमंत्रित कर रही हैं। इसी प्रकार की अनेक विरोधाभासी बातें इस समारोह के लिए नजर आ रही है।राव इंद्रजीत सिंह का यह कदम अपने आपमें अनोखा है, न वह आयोजक हैं लेकिन चर्चा उनकी है। जहां वैसे तो किसी भी समय पर इस समय शहीदों का सम्मान किया जा रहा है, ऐसे शहीद सम्मान समारोह के विरुद्ध बोलने की हिमाकत तो कोई कर नहीं सकता।

देखना दिलचस्प होगा कि राव इंद्रजीत सिंह का इस समारोह के बाद क्या रुख होता है?

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