भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज का सारा दिन सुर्खियों में रहा पंजाब का घटनाक्रम। कैप्टन अमरेंद्र के ब्यान पर खूब बवाल काटा हरियाणा भाजपा ने भी। प्रात: ही प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने संपूर्ण हरियाणा में कैप्टन अमरेंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के आदेश जारी कर दिए थे और भाजपाइयों ने भी इसे बड़ी शिद्दत से निभाया, क्योंकि सभी भाजपाई मोदी का जन्मदिन मनाने के लिए एकत्र और सक्रिय तो थे ही। अत: जोर-शोर से विरोध प्रदर्शन किया गया। यद्यपि खूब जगह भाजपा और कांग्रेस के समर्थक आमने-सामने होने के समाचार भी मिले, पुलिस का भी इस्तेमाल करना पड़ा। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि आज भाजपा हरियाणा में मोदी के जन्मदिन से अधिक कैप्टन अमरेंद्र छाये रहे।

कह सकते हैं कि बिल्ली भाग छीका टूटा, क्योंकि कैप्टन अमरेंद्र और नवजोत सिद्धू का टकराव तो बहुत समय से चल रहा था। कल भी कांग्रेस की बैठकों का दौर सुनने में आता रहा और लगभग यह तय माना जा रहा था कि कैप्टन को त्याग पत्र देना पड़ेगा और शायद इसकी जानकारी भाजपा को भी थी और इसका श्रेय अपने नाम लिखने के लिए ही प्रात: ही प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने जन्मदिन मनाने के कार्यों को छोड़ अमरेंद्र का विरोध करने का आदेश सुना दिया और इस्तीफा होने के बाद उसका श्रेय खुद प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ अपने प्रदर्शनों को दे रहे हैं।

हमने तो पहले कभी सुना नहीं कि विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन से घबराकर चंद घंटों में कोई मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे। खैर, मौके का लाभ उठाना ही तो राजनीति है।अब प्रश्न यह है कि क्या अमरेंद्र के इस्तीफे से हरियाणा सरकार की किसान आंदोलन, बेरोजगारी आदि समस्याओं का समाधान निकल जाएगा?

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