पिछले पांच वर्षों में किसानों का कर्ज 58% बढ़ा। आधे से अधिक किसान अब कर्ज में हैं। खेती से होने वाली आय में गिरावट दर्ज। गुरुग्राम। दिनांक 15.09.2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि मोदी सरकार कई वर्षों से “किसानों की आय दोगुनी करने” के मायावी लक्ष्य का स्वप्न दिखला रही है। किसानों की आय छह साल में (यानी 2022 तक) दोगुनी करने के लिए 2016 में किए गए वादे की समय सीमा कुछ ही महीने दूर है। सरकार ने C2 लागत के आधार पर सभी कृषि उत्पादों पर लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी रूप से गारंटी देने की किसानों की मांग नहीं मानी। अब मोदी सरकार के जुमले पर रिपोर्ट कार्ड से आधिकारिक रूप से स्पष्ट हो गया है। एनएसओ के 77वें दौर के सर्वेक्षण से पता चलता है कि 50% से अधिक कृषि परिवार कर्ज में हैं, पिछले पांच वर्षों में किसानों के कर्ज में 58% की वृद्धि हुई है।खेती से होने वाली आय में वास्तविक रूप से कमी आई है, अधिकांश कृषि आय, मजदूरी या गैर-कृषि व्यवसाय के रूप में आ रही है। यह भारत में किसानों को खेतिहर मजदूर बनाने की एक समग्र प्रवृत्ति की पुष्टि करता है। अब समय आ गया है कि मोदी सरकार भारत में किसानों की आय में सुधार के लिए सही मूल्य के मार्ग, जो कि सबसे प्रत्यक्ष और समीपस्थ मार्ग है और सभी किसानों के लिए लाभकारी एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए कृषि आंदोलन की मांग को पूरा करता है, को अपनाए। आज धरने पर बैठने वालों में जयप्रकाश रेडू,अनिल पंवार,पंजाब सिंह,बलवान सिंह दहिया,तनवीर अहमद,फ़ूल कुमार,सूबे सिंह यादव एडवोकेट,तेजराम यादव, राजबीर कटारिया,योगेश कुमार, जयसिंह हुड्डा,रणजीत सिंह,प्रिंस,मनोज झाड़सा,रमेश दलाल,आकाशदीप,अनिल कुमार तथा अन्य व्यक्ति शामिल थे। Post navigation आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वच्छता जागरूकता पखवाड़े का शुभारंभ 1947 के विभाजन का दर्द – बुजुर्गों की जुबानी