………..पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा ने गुरूग्राम जिला के गांव भौंडसी पहुंचकर गांव के हाल ही में शहीद हुए तरुण भारद्वाज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया गुरूग्राम — पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा ने गुरूग्राम जिला के गांव भौंडसी पहुंचकर गांव के हाल ही में शहीद हुए तरुण भारद्वाज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।16 राजपूत बटालियन से जुड़े शहीद तरुण भारद्वाज पिछले 1 साल से सियाचिन में अपनी सेवाएं दे रहे थे। सेना में भर्ती होने के बाद यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। 09 सितंबर को नियमित रूप से की जाने वाले पेट्रोलिंग के समय हुए हिमस्खलन की चपेट में आने से उनकी मृत्य हो गयी थी। तीन भाइयों में सबसे छोटे रहे तरुण ने पिछले वर्ष ही सेना ज्वाइन की थी। तरुण भारद्वाज के पिता नंदकिशोर भारद्वाज भी सेना में अपनी सेवाएं देने के उपरांत 2001 में सेवानिवृत्त हुए थे।पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा ने भौंडसी गांव पहुंचकर शहीद तरुण भारद्वाज की फोटो पर पुष्प चढाकर उनकी शहादत को नमन किया। उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की।इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा ने तरुण के परिजनों से अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि एक पिता के लिए इस से बड़ा दुख नही हो सकता कि उसका जवान बेटा उसके सामने दुनिया से चला जाये। उन्होंने कहा कि हम आपका दुख तो कम नही कर सकते लेकिन उसमें साझीदार होकर दुख को बांट जरूर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम आपके साथ हैं। कोई भी मेरे लायक सेवा होगी, मैं उसके लिए हाजिर हूं।उन्होंने कहा कि यह देश तरुण के माँ भारती के लिए दिए सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखेगा। Post navigation विवाह पंजीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विवाह पंजीकरण योजना शुरू। संयुक्त आयुक्त ने अधिकारियों को वार्ड-22 की समस्याओं के समाधान के दिए निर्देश