गैर मुमकिन पहाड़ को अरावली नहीं घोषित करके 8000 हेक्टेयर वन क्षेत्र की जमीन पर  बिल्डिंगे बनवाना चाह रही है खट्टर सरकार-डॉ सारिका वर्मा

गुरुग्राम 13 सितंबर – हरियाणा सरकार ने घोषित किया है कि गुडगांव के बाहर जितने भी गैर मुमकिन पहाड़ है उन्हें “अरावली” नहीं घोषित किया जाएगाl इस संशोधन से गुड़गांव फरीदाबाद के आसपास 8000 हेक्टेयर अरावली की जमीन को बिल्डरों के लिए खोल देना चाहती है खट्टर सरकारl हरियाणा सरकार ने फरवरी 2019 में पंजाब लैंड प्ररिजर्वेशन एक्ट संशोधन करके अरावली पर्वतमाला पर अवैध निर्माण को कानूनी बनाने की कोशिश की थीl आदरणीय सुप्रीम कोर्ट ने इस संशोधन पर मार्च 2019 मैं रोक लगा दिया थाl

डॉ सारिका वर्मा ने कहा हमारा सरकार से अनुरोध है विकास के नाम पर हमारे बच्चों की सांसों को नीलाम मत करिएl विकसित देशों में हरियाली, साफ हवा, प्रदूषण का नियंत्रण, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सड़कों की धूल की सफाई को इतना ज्यादा महत्व दिया जाता हैl हमारे यहां केवल बिल्डिंग खड़ा करना और एक्सप्रेसवे  बनाने को ही विकास मानती है सरकारl चाहे ऐसी कंस्ट्रक्शन से लोगों की स्वास्थ्य पर जो असर पड़ता है उसका बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाताl इसीलिए आज भी गुडगांव विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की गिनती में आता हैl

हरियाणा भारत का सबसे कम वन क्षेत्र वाला राज्य हैl यहां केवल 3.59% वन क्षेत्र है जबकि राष्ट्रीय औसत 21% हैl पिछले 10 साल में हरियाणा का वन क्षेत्र 5.8% से गिरकर 3.59% हो गया हैl इस तरह पेड़, जंगल, अरावली पर्वतमाला खत्म करने से हरियाणा के शहरों में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, हवा जहरीली होती जा रही हैl अब यह हाल है की प्रदूषित हवा नागरिकों के फेफड़े कमजोर कर रही है, एलर्जी,अस्थमा और ब्रोंकाइटिस बढ़ रहे हैं, चौथे घर में नेबुलाइजर की जरूरत पड़ती हैl

सरकार के रवैया से ऐसा मालूम होता है की साफ हवा सिर्फ कुछ लोगों की जरूरत है पूरी मानवता की नहींl खट्टर सरकार से निवेदन करते हैं हरियाणा का वन क्षेत्र 10% बढ़ाने के प्लान बनाइए ताकि आने वाली पीढ़ियां स्वच्छ वातावरण में सांस ले सकेंl अरावली पर्वतमाला विश्व की सबसे प्राचीन पर्वतमाला है लेकिन पिछले कई वर्षों से पहाड़ काट काट कर वन क्षेत्र कम होता जा रहा हैl सुप्रीम कोर्ट मैं कुछ साल पहले याचिका भी दर्ज हुई थी की 31 अरावली के पहाड़ गायब हो चुके हैंl 

दक्षिण हरियाणा रेगिस्तान ना बने उसके लिए अरावली पर्वतमाला को बचा के रखना बहुत ज्यादा जरूरी हैl अरावली के जरिए ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता है और पशु पक्षी जीव जंतु को भी जंगलों की जरूरत है l मोदी जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषणा की थी कि पोरबंदर से पानीपत तक एक हरा कॉरिडोर बनाया जाएगाl नया कॉरिडोर तो बना नहीं कम से कम जो वन क्षेत्र उपस्थित है उसे तो बरकरार रखा जाएl ऐसी योजनाएं हमारे बच्चों के भविष्य को अंधेरे में धकेल रही हैंl

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