किसान महापंचायत में लाखों किसान हुए शामिल। करनाल में किसानों ने किया लघु सचिवालय का घेराव। लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे किसान। करनाल में इंटरनेट सेवाएँ निलंबित करना अलोकतांत्रिक। गुरुग्राम। दिनांक 08.09.2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि करनाल में किसानों पर हुई बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज के विरोध में करनाल अनाज मंडी में विशाल किसान महापंचायत हुई।उन्होंने बताया कि किसान पंचायत में लाखों किसान शामिल हुए। किसानों ने सरकार से माँग की थी कि लाठीचार्ज के दोषी एसडीएम और पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करके कार्रवाई की जाए तथा लाठीचार्ज में शहीद हुए किसान के परिवार को 25 लाख रुपया तथा घायलों को दो-दो लाख रुपया मुआवज़ा दिया जाए। सरकार द्वारा किसानों के ‘सिर फोड़ने’ का आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार करने के बाद दो लाख से अधिक किसान करनाल अनाज मंडी में किसान महापंचायत के लिए इकट्ठे हुए। किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार को 6 सितंबर तक कार्रवाई करने या विरोध का सामना करने का अल्टीमेटम जारी किया था। यह 28 अगस्त को पुलिस हिंसा, जिसके परिणामस्वरूप एक किसान की मौत और अनगिनत अन्य घायल हुए, के बाद लिया गया था। तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा ने पुलिस को सीधे तौर पर किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दिया था। हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उनके कार्य का खुलकर समर्थन किया। जहां किसानों ने मांग की कि अधिकारी को बर्खास्त किया जाए, सरकार ने इसके बजाय उन्हें पदोन्नत किया। किसानों ने अधिकारी को बर्खास्त करने और उस पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग के अलावा शहीद सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपये और पुलिस हिंसा में घायल हुए किसानों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की थी। ऐसा न करने पर करनाल लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी गई थी। जब हरियाणा सरकार ने किसानों की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, किसान विरोध की अपनी योजना के साथ आगे बढ़े और किसानों ने अनाज मंडी से लघु सचिवालय तक 3.5 किमी लंबा मार्च निकाला और करनाल लघु सचिवालय का घेराव कर लिया और धरने पर बैठ गए। सरकार ने करनाल में इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर रखी हैं ताकि किसान आंदोलन को सोशल मीडिया और प्रेस मीडिया में दिखाया न जा सके,जो के अलोकतांत्रिक है।जब तक सरकार किसानों की माँगें नहीं मान लेती तब तक धरना जारी रहेगा। Post navigation जिला गुरुग्राम में 12 से 22 सितंबर के बीच चलेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान साइबर सुरक्षा को लेकर गुरूग्राम में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित