रेवाड़ी, 8 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि करनाल में आंदोलनरत किसानों के सिरों पर लाठियां बरसाकर उनका सिर फोडकर उन्हे लहुलुहान करने का आदेश देने वाले पूर्व एसडीएम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नही करने से साफ है कि किसानों के सिर फोडने का आदेश उक्त आईएएस अधिकारी ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के कहने पर ही दिया था। विद्रोही ने कहा कि तभी मुख्यमंत्री खट्टर जी उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की चौतफा मांग के बाद भी इसे बचाने के लिए जान-बूझकर किसानेों से टकराव मोल लेकर स्थितियों को बिगाड़ रहे है। हरियाणा भाजपा सरकार व पुलिस की लाख कोशिशों व अवरोधों के बाद भी मंगलवार सांय को लघु सचिवालय करनाल को घेरने आंदोलनरत किसान लघु सचिवालय पहुंचकर धरने पर बैठ गए। किसान आंदोलन के कारण हरियाणा में सरकार को बार-बार इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पडती है। सडकों के यातायात रूट बदलने पडते है और जिस पुलिस को अपराध पर अंकुश लगाने पर अपनी ताकत लगानी चाहिए, वे पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री खट्टर की हठधर्मिता के चलते अपनी सारी ताकत आंदोलनरत किसानों को कुचलने व दबाने में लगाने में लगे हुए है। 

विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से सवाल किया कि करनाल पुलिस लाठीचार्ज मामले में सरकार ने किसानों से जान-बूझकर टकराव क्यों ले रही है? किसानों के सिरों को लाठियों से फोडने का आदेश देने वाले तालीबानी सोच के आईएएस अधिकारी को बचाने का कुप्रयास मुख्यमंत्री क्योंं कर रहे है? वहीं उक्त आईएएस को एसडीएम पद से तबादला करने का झूठा राग क्यों अलापा जा रहा है? 2018 बैच के इस आईएएस अधिकारी का तो वैसे ही एसडीएम पोस्ट से ऊपर तबादला नियमानुसार होना ही था। इस सच को सरकार क्यों छुपा रही है?

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर का रवैया जीवंत प्रमाण है कि वे अपने को चुने हुए एक लोकतांत्रिक मुख्यमंत्री मानने की बजाय नागपुरिया संघ आदेश से नियुक्त महाराजा मानकर उसी तरह आचरण कर रहे है। खट्टर जी जानते है कि जब तक नागपुर का वरदस्त उनके सिर पर है, उनका कोई बाल भी बाका नही कर सकता। इस कारण लोकराज की लोकलाज में उनकी पैसेभर की आस्था नही है अपितु उनकी आस्था संघी फासीजम में है। खट्टर जी अपने आका मोदीजी के किसानों को लूटकर हम दो-हमारे दो की तिजौरियां करने के एजेंडे पर काम कर रहे है। तभी खट्टर जी जान-बूझकर ना केवल किसानों से सत्ता दुरूपयोग से टकराव मोल ले रहे है अपितु ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रहे है जिससे किसान आंदोलन किसी भी तरह हिंसक रूप धारण करे।

विद्रोही ने कहा कि किसानों के प्रति ऐसी घृणित सोच बताती है कि भाजपाई-संघी मानसिक रूप से किसानों के कितने विरोधी है और किसानों को कुचलने-दबाने के लिए संघी नेता किसी भी हद तक सत्ता दुरूपयोग कर सकते है। भाजपा खट्टर सरकार के रवैये से प्रदेश में टकराव और बढ़ेगा। विद्रोही ने मांग की कि किसानों से वार्ता करके करनाल घटनाएक्रम का सर्वमान्य हल निकालकर किसानों से मोल लिया जा रहा व्यर्थ का टकराव तत्काल खत्म किया जाये। 

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