मामला गुरुग्राम के डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 10ं का. सत्र एवं न्यायधीश अदालत का समन तामील कराने गया था. कोर्ट कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने किया मामला दर्ज फतह सिंह उजालागुरुग्राम । गुरुग्राम जिला अदालत के एक कर्मचारी के साथ में दुर्व्यवहार करने तथा जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है । इस मामले में कोर्ट कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस के द्वारा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है । जानकारी एवं पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक गुरुग्राम कोर्ट में कार्यरत कर्मचारी ईश्वर के द्वारा सेक्टर 10ंए थाना में दी गई शिकायत के मुताबिक 4 अगस्त को नजारत शाखा से संमन संख्या एक डीजे और दो डीजे तिथि 16 जुलाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय सूर्य प्रताप सिंह की अदालत से समन तामील कराने के लिए मिले थे। इन समन को तामिल कराने के लिए वह 10 अगस्त को डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 10 ए में पहुंचा और वहां जाकर स्कूल के प्रिंसिपल के विषय में जानकारी प्राप्त की। तो मौके पर रिसेप्शन पर सकूल कर्मचारी सुमन मौजूद मिली । तो उनसे स्कूल के प्रिंसिपल और चेयरमैन प्रदीप कौशिक के बारे में पूछा, तो जवाब मिला कि यहीं पर है और अभी थोड़ी देर में बुलाती हूं । इसके बाद में अंदर से एक व्यक्ति और एक मैडम आई , जिन के विषय में कुछ भी मालूम नहीं था कि वह दोनों कौन लोग हैं । इन दोनों लोगों को समन की एक-एक प्रति देकर समन पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। इसके बाद में समन की एक दवा कॉपी लेकर रख ली , इसके बाद में धक्के मार कर और कॉलर पकड़कर स्कूल से बाहर निकाल दिया गया । इतना ही नहीं यह भी धमकी दी गई थी यदि यहां पर दोबारा आया तो जान से मार दिया जाएगा । कोर्ट कर्मचारी के मुताबिक मौके पर इस मामले की गवाही किसी ने भी नहीं की। गुरुग्राम सेक्टर 10ं थाना में दी गई शिकायत में कोर्ट कर्मचारी प्रार्थी ईश्वर सिंह के द्वारा अनुरोध किया गया है कि सरकारी काम में बाधा डालने और जान से मारने की धमकी देने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए । कोर्ट कर्मचारी ईश्वर सिंह की दी गई शिकायत पर पुलिस के द्वारा नामित आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 332, 353, 506, 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच आरंभ कर दी गई है। Post navigation मंगलवार को जिला में 03 लोगों ने कोरोना को दी शिकस्त फिर से फ्रंट पर फार्मर … वही करनाल, वही किसान, वहीं प्रशासन लेकिन अनुशासन में किसान