गुरुग्राम – बीजेपी द्वारा हरियाणा में अपने ही 4 नेताओ को अनुशासनात्मक कार्यवाही के नाम पर 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया। किन्तु गुरुग्राम के पूर्व जिलाध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज को निष्काषित करना बीजेपी की नीति और मंशा को दर्शाता। कुलभूषण जी सदैव शहर के लोगो के साथ खड़े रहे है। उन्होंने खट्टर सरकार में हो रहे भृष्टाचार पर सरकार को चेताने का कार्य किया। गौरक्षकों पर हमला हो या मेवात में लव जिहाद या हिन्दुओ की हत्या का मामला हो सरकार के विरुद्ध हुए प्रदर्शनों में जनता के साथ शामिल रहे है जनता की आवाज बने है। सरकार की गलत नीतियों से गरीब कामगार को नुकसान हुवा तो उनके साथ खड़े हुए।

शहर में अपने हक़ के लिए आवाज उठाने पर कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर भी सालो से वो उनकी मदद करते आ रहे है मुफ्त में केस लड़ते है। एक ऐसे ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ता को पार्टी से निष्काषित करना दर्शाता है कि खट्टर सरकार सिर्फ चापलूसों की सुनती है अगर कोई उनके भृष्टाचार को उजागर करे या जनता की आवाज बने ये सरकार को स्वीकार नही। आज बीजेपी द्वारा लिया गया फैसला दर्शाता है कि बीजेपी को अपने ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की कोई ज़रूरत नही उन्हें मात्र वो नेता चाहिए जो जनता से दूर रह कर हवा हवाई निकलते हो। दरसअल सीधा कहा जाए तो खट्टर सरकार को जनता की आवाज उठाने वाले नेता पसंद नही है।

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