विद्रोही ने सवाल किया कि विगत पौने दो सालों में दुष्यंत चौटाला की कही गई किसी बात का भाजपा खट्टर सरकार ने कभी पालन किया? क्या उनकी बात का भाजपा सरकार में कोई मोल है? विद्रोही मुख्यमंत्री खट्टर व भाजपा नेता जान-बूझकर सुनियोजित ढंग से किसानों को भड़काकर सरकार से टकराव के लिए उकसाते है – विद्रोही 30 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि आंदोलनरत किसानों के सिर फोडऩे के लिए पुलिस को उकसाने वाले करनाल के एसडीएम के खिलाफ जो कार्रवाई करने में सक्षम है, वह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर तो इस मुद्दे पर दड़ मारे पड़े है और जिस उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की किसी बात का भाजपा खट्टर सरकार में मोल नही होता, वह बयान बहादुर बनकर एसडीम के खिलाफ कार्रवाई करने का गपोडा ठोककर किसानों को भावनात्मक रूप से ठगने का कुप्रयास कर रहे है। विद्रोही ने सवाल किया कि विगत पौने दो सालों में दुष्यंत चौटाला की कही गई किसी बात का भाजपा खट्टर सरकार ने कभी पालन किया? क्या उनकी बात का भाजपा सरकार में कोई मोल है? जब उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की हैसियत भाजपा सरकार में मात्र एक पिछलग्गू व सत्ता आनंद उठाने वाले नेता से ज्यादा से कुछ नही है तो वे बड़े-बड़े बोल बोलकर किसानों को क्यों ठग रहे है? दुष्यंत चौटाला कह रहे है कि आंदोलनरत किसान वार्ता के लिए तैयार हो, मैं मध्यस्थता करूंगा। विद्रोही ने कहा कि जब मोदी सरकार संसद से लेकर सड़क तक स्पष्ट कर चुकी है कि किसी भी हालत में कृषि कानून वापिस नही लिए जाएंगे और आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा भी कह चुका है कि तीन काले कृषि कानूनों की वापसी से कम उन्हेे कुछ भी मंजूर नही है, फिर दुष्यंत चौटाला किस बात की मध्यस्थता करेंगे? क्या उनकी हैसियत इतनी है कि वे मोदीजी को काले कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए मजबूर कर सके? दुष्यंत चौटाला एक सांस में बड़ी-बड़ी बाते करके किसान हितैषी होने की बाते करते है, वहीं दूसरी सांस में कहते है कि पंजाब व उत्तरप्रदेश के किसान हरियाणा में आकर आंदोलन क्यों कर रहे है? किसान आंदोलन राजनीति से प्रेरित है व भाजपा सरकार को बदनाम करने का षडयंत्र है। पहले दुष्यत चौटाला खुद तो तय कर ले कि उनकी कौनसी बात सही है और कौनसी गलत? वहीं विद्रोही ने कहा कि पूरे देश में किसान आंदोलन पर दमन केवल हरियाणा में हो रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर व भाजपा नेता जान-बूझकर सुनियोजित ढंग से किसानों को भड़काकर सरकार से टकराव के लिए उकसाते है ताकि खट्टर जी को सत्ता बल पर किसानों पर पुलिस लाठिया चलाकर उनका सडकों पर खून बहाने व किसानों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह सहित संगीन अपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करके किसानों को प्रताडित करने का मौका मिले। सवाल उठता है कि जो उपमुख्यमंत्री स्वयं अपनी हरियाणा सरकार द्वारा सुनियोजित ढंग से प्रदेश में आंदोलनरत किसानो के हो रहे दमन को रोकने में अक्षम है, वह किसानों की मांगों पर क्या तो मध्यस्थता करेंगे और क्या किसानों को न्याय दिलवाएंगे? विद्रोही ने कहा कि जो नेता सरकार में नम्बर दो के पद पर काबिज होने के बाद भी प्रदेश में किसानों पर हो रहे लाठीचार्ज, दमन, फर्जी मुदकमे तक रोकने में समक्ष न हो, वह संघी पिछलग्गू दुष्यंत चौटाला किसान हित में मगरमच्छी आंसू बहाकर किसानों को ठगने का कुप्रयास न करे। Post navigation “जय जवान जय किसान ” नारे का निरादर करने वाली सत्ताधारी सरकार को भुगतने होंगे परिणाम:यतीश शर्मा इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला 1 सितम्बर से प्रदेश के सभी 22 जिलों में करेंगे ‘कार्यकर्ता मिलन समारोह’