करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में कितलाना टोल पर किसानों ने लगाया जाम, वाहनों की लगी लंबी लाइन

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

28 अगस्त,  मुकम्मल राज की परिकल्पना कर संघ और भाजपा अपने तीन सुत्री एजेन्डे पर आगे बढ़ रही है। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही। 

उन्होंने कहा कि पहला एजेन्डा जनता का दिमाग़ बन्द करना था इसलिए मीडिया को काबू कर लोगों में ऐसी अपेक्षायें जगाई मानों नरेंद्र मोदी के आते ही अच्छे दिन आ जायेंगें। लेकिन राज आया तो अच्छे दिन केवल मोदी के नजदीकी धनकुबेरों के आये व लोगों के हिस्से केवल उपेक्षा आई। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पुलवामा आतकंवादी घटना को ऐसे पेश किया कि केवल मोदी और उनकी पार्टी ही देशभक्त है। उनके अनुसार दूसरा एजेन्डा लोगों की जुबान बन्द करना था।सरकार से असहमति रखने वाले तथा खिलाफ बोलने व लिखने वालों पर लोकतन्त्र की प्रहरी संस्थाओं पर ईडी,आयकर, सीबीआई का पहरा बैठा दिया ताकि लोग डर जायें।   

मान ने कहा कि संघ और भाजपा का तीसरा एजेण्डा लोगों की  आंखें बन्द करने का रहा जिसका पूरा जिम्मा संघ ने लिया है। किसान आन्दोलन को लेकर मोदी सरकार के बचाव में उतरा संघ का किसान सगंठन ‘किसान संघ’ दावा ठोक रहा है कि वो किसानों के लाभकारी मूल्य के लिये पूरे देश में धरना-प्रदर्शन करेगा। किसान संघ ने हालाँकि लाभकारी मूल्य की पूरी व्याख्या नहीं की है। किसान संघ का लाभकारी मूल्य का दावा वैसा ही खोखला है जितना 2014 में गुजरात माडल व अच्छे दिन लाने का वादा था।  

लेकिन लोकतन्त्र तभी बचा रह सकता है जब आम आदमी की जुबान, दिमाग व आँखें खुली रहें व गलत को गलत और सही को सही कहने का भय ना हो।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने के 247वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, फौगाट खाप से राजबीर फौगाट, श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से प्रताप सिंह सिंहमार, रामफल देशवाल, गंगाराम स्योराण, ईश्वर पंडित, रतनी डोहकी, राजबाला कितलाना व कृष्णा गोरीपुर ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने दोपहर 1.30 टोल पर जाम लगा दिया जो संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णयानुसार 5 बजे तक जारी रहा। टोल के दोनों और वाहनों की लंबी कतार लग गई। किसानों ने कहा कि आगे भी मोर्चा के आदेशों का पालन किया जाएगा और सरकार की कायराना हरकतों का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।

धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान चरखी, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर धिकाड़ा, रणधीर कुंगड़, सुबेदार सतबीर सिंह, आजाद सिंह फौजी, जगदीश हुई, परमजीत फतेहगढ़, राजेन्द्र जांगड़ा, जयपाल जांगड़ा, ओम प्रजापति, रामानन्द धानक, राजकरण, निर्मला पाण्डवान, मास्टर सुरेन्द्र गोरीपुर, कप्तान रामफल डोहकी, सत्यवान कालूवाला, शब्बीर हुसैन, समुन्द्र सिंह कितलाना शामिल थे।

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