भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। यहां की जनता बहुत समय से आवाज उठा रही है प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए और अब तो यह प्रमाणित हो गया कि गुरुग्राम में भ्रष्टाचार की भरमार है।विधानसभा सत्र में गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने भी आवाज उठाई कि गुरुग्राम के अधिकारी किसी की नहीं सुनते। बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद ने तो यहां तक कहा कि जब हम भ्रष्टाचार ही नहीं हटा सकते तो हमारे चुने जाने का क्या लाभ?

इसी प्रकार ढके-छुपे शब्दों में पटौदी के सत्यप्रकाश जरावता ने भी अधिकारियों की कार्यशैली की कमियां गिनवाईं। ये सब बातें विधानसभा जो प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत है, उसमें कही गईं। अत: संदेह की गुंजाइश नहीं। अब बड़ा प्रश्न यही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जो यहां कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन भी हैं और इनका काफी प्रवास गुरुग्राम में ही होता है, फिर भी यह सब कुछ उन्हें क्यों नहीं दिखता? क्या यह माना जाए कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है या फिर अधिकारियों पर मुख्यमंत्री का अंकुश नहीं है।

भाजपा सरकार और भाजपा संगठन एक-दूसरे में पूरी तरह रसे-रमे हैं। सरकार के अनेक पदाधिकारी संगठन में पदाधिकारी हैं। ऐसी स्थिति में हम कह सकते हैं कि संगठन की कोई न कोई जिम्मेदारी तो होगी और संगठन के जितने शीर्ष पदाधिकारी गुरुग्राम में रहते हैं, शायद ही किसी अन्य जिले में होंगे। उनकी नजर भी भ्रष्टाचार पर नहीं जाती। कारण समझ से बाहर है।

जनता की मानें तो भाजपा संगठन अपने आपमें ही एकजुट होने के प्रयास में लगा है। अनेक शक्ति केंद्र बने हुए हैं। सबकी अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग है। कार्यक्रम करते हैं तो भी सब भाजपाईयों को ही उसमें बुलाकर वाह-वाही लूट लेते हैं तथा स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने की चेष्टा करते हैं।

घटना याद आती है 16 अगस्त की। जब मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में ई-रिक्शा का उद्घाटन किया था और आदेश किए थे कि न्यू गुरुग्राम में केवल ई-रिक्शा ही चलेंगे। उस पर थ्री-व्हीलर चालक चाहे वे पैट्रोल, डीजल या सीएनजी हों, सभी नाराज हों और उनके सुर में सुर मिलाया भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने। उसके पश्चात उनके साथ बोलने के लिए भाजपा के प्रदेश पर्यावरण के चेयरमैन नवीन गोयल भी आ गए। ऑटो चालक संघ ने बताया कि भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है और प्रशासन ने 23 तारीख को मुख्यमंत्री के आदेश रद्द कर ऑटो चालकों को हर जगह ऑटो चलाने की अनुमति दे दी।

वर्तमान में तिरंगा यात्रा और जन आशीर्वाद यात्रा की थकान उतार रहे हैं भाजपाई। जन आशीर्वाद यात्रा के परिणाम क्या निकले और तिरंगा यात्रा से क्या लाभ हुआ, उस पर गुरुग्राम का कोई भाजपाई बोलने को तैयार नहीं। हां, एक परिणाम अवश्य दिखाई दिया कि राव इंद्रजीत सिंह ने ओबीसी आरक्षण पर सरकार को कह दिया कि तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करें। इन सब बातों से ऐसा अवश्य नजर आ रहा है कि जनता भाजपा से खफा है और इस बात को विधायक, सांसद समझने लगे हैं। यदि समय रहते सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति में कुछ बड़ा अप्रत्याशित घट सकता है।

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