गुडग़ांव, 27 अगस्त (अशोक): विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं। श्रमिक संगठन कंपनी प्रबंधनों पर आरोप लगाते रहे हैं कि कंपनी प्रबंधन श्रम कानूनों का उल्लंघन कर श्रमिकों को प्रताडि़त कर रही है। श्रमिक यूनियन जब आवाज उठाती है तो यूनियन के पदाधिकारियों के खिलाफ ही प्रबंधन कार्यवाही कर देती है जिससे श्रमिकों में रोष व्याप्त होता जा रहा है। इसी क्रम में मुंजाल शोवा के श्रमिक भी आंदोलनरत हैं। शुक्रवार को उद्योग विहार स्थित कंपनी के गेट पर श्रमिकों ने आम सभा का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल हुए। श्रमिक नेता सुभाष मलिक, सुरेंद्र जांगड़ा, श्यामलाल, अजीत हुड्डा, विजय गुलाटी, राजेश जांगड़ा, ईगल आदि ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 25 माह से श्रमिकों का सामूहिक मांग पत्र प्रबंधन के पास लंबित पड़ा है। प्रबंधन जानबूझकर इस सामूहिक मांगपत्र का समाधान नहीं करना चाहती। उन्होंने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि गैर कानूनी तरीके से श्रमिकों को निकाला जा रहा है, श्रमिकों को जबरदस्ती सेवानिवृत किया जा रहा है, वेतन में कटौती की जा रही है, अनुचित श्रमाभ्यास जारी है। श्रम विभाग में भी कई बार शिकायतें की जा चुकी , लेकिन श्रम विभाग भी आंख बंद कर बैठा हुआ है। यानि कि वह कोई कार्यवाही नही कर रहा है। जिससे श्रमिकों में कंपनी प्रबंधन के प्रति रोष व्याप्त होता जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिक अशांति व्याप्त होने का भय बना हुआ है। श्रमिक नेताओं ने प्रबंधन पर ये आरोप भी लगाए हैं कि जिन श्रमिकों को 20-25 वर्षों से अधिक का समय कार्य करते हो गया है उन्हें भी नौकरी से निकाला जा रहा है। उनका कहना है कि श्रमिकों ने खून पसीना एक कर प्रतिष्ठान को बुलंदियों तक पहुंचाया है। एक प्रतिष्ठान से कंपनी के 3 प्रतिष्ठान बन गए हैं जिनमें हजारों श्रमिक काम कर रहे हैं लेकिन प्रबंधन ने पुराने श्रमिकों को नौकरी से निकालना शुरु किया हुआ है। उन्होनें प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी तानाशाही सहन नहीं की जाएगी। श्रमिक अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। अन्य श्रमिक संगठनों के सहयोग से बड़ा आंदोलन शुरु किया जाएगा। आम सभा में शामिल श्रमिकों ने इस निर्णय का तालियां बजाकर स्वागत भी किया है। Post navigation रिकॉर्ड 66 हजार 877 लोगों को लगाई गई कोरोना रोधी वैक्सीन जनप्रतिनिधियों ने की शिकायत, भ्रष्टाचार से ग्रस्त है गुरुग्राम, कब मानेंगे मनोहर लाल?