रेवाड़ी, 18 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि सत्ता बल पर भाजपा केबिनेट मंत्री भूपेन्द्र यादव की कथित जन आशीर्वाद यात्रा को अहीरवाल में वैसा अपेक्षित सहयोग नही मिला जैसा भाजपा मीडिया में बड़े-बड़े दमगज्जे मार रही थी। वहीं इस यात्रा से भाजपा की फूट भी सडकों पर सबके सामने आ गई। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से लेकर हरियाणा भाजपा के संगठन ने ढोल-नंगाड़ों के साथ केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को अप्रत्यक्ष रूप से अहीरवाल का भावी नेता बताने में कोई केसर नही छोडी। भाजपा नेतृत्व द्वारा भूपेन्द्र यादव को अहीरवाल में स्थापित करने की रणनीति से इस क्षेत्र के स्वयंभू राजा राव इन्द्रजीत सिंह के समर्थकों, भक्तों में सोशल मीडिया व मीडिया विज्ञापनों द्वारा अपनी बौखलाहट का प्रदर्शन किया। राव इन्द्रजीत सिंह समर्थक इस कथित जन आशीर्वाद यात्रा से दूर रहे, वहीं भक्तों के राजा अपनी केन्द्रीय राज्यमंत्री की कुर्सी बचाने दिल्ली से दौडक़र रेवाडी आये व कल रात्रि को अपने घर रामपुरा में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को डिनर देकर एक तरह से मोदी-शाह की तिकडमी चालों के सामने सरेंडर किया। विद्रोही ने कहा कि राव इन्द्रजीत सिंह व उनके समर्थक चाहे जो कुछ कहे, धरातल का कटु सत्य यही है कि कुर्सी प्रेेमी राव इन्द्रजीत सिंह ने कथित सम्मान, स्वाभिमान को तांक पर रखकर भाजपा नेतृत्व के सामने सरेंडर करके अपनी कुर्सी को बचाये रखना ही उचित समझा। भूपेन्द्र यादव की कथित जन आशीर्वाद यात्रा हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र में 16-17 अगस्त दो दिन की ही थी और अपनी यात्रा का दूसरा पड़ाव उन्होंने भिवाड़ी से अजमेर तक का 19 अगस्त को भिवाड़ी से शुरू करना है। ऐसी स्थिति में उन्हे तो गोदबलावा-नारनौल की यात्रा खत्म होने के बाद रेवाड़ी होते हुए 17 अगस्त को रात्रि को दिल्ली जाना ही था जबकि राव इन्द्रजीत सिंह 17 अगस्त को बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के ना केवल रेवाड़ी आये अपितु रात्रि को भूपेन्द्र यादव को अपने घर रामपुरा में डिनर के लिए भी आमंत्रित किया। विद्रोही ने कहा कि उक्त घटनाक्रम मुंह बोलता प्रमाण है कि राव ने कुर्सी बचाने के लिए ना केवल सरेंडर किया अपितु पांच बार लोकसभा सदस्य होने व अपने को अहीरवाल का एकक्षत्र जनाधार वाला नेता मानने के बाद भी भूपेन्द्र यादव को केबिनेट मंत्री के नाते अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा नेता भी स्वीकार करने को मजबूर होना पडा। अब अपनी बेटी आरती राव को अहीरवाल की राजकुमारी बनाने के उनके सपने का क्या बनेगा, यह तो भविष्य ही बताएगा। पर यह साफ दिख रहा है कि भाजपा में रहते हुए राव इन्द्रजीत सिंह अपने को अब अहीरवाल का एकक्षत्र नेता नही कह सकते। अब राव इन्द्रजीत सिंह अन्य भाजपा नेताओं की तरह भाजपा-संघ की एक कठपुतली मात्र बनकर रह गए है। विद्रोही ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नीट परीक्षा के मेडिकल कोर्स में देने का दावा भी झूठ का पुलिंदा है। सच्चाई तो यह है कि पिछड़े वर्ग से यह अधिकार भी मोदी-भाजपा सरकार ने तीन साल पूर्व एक संविधान संशोधन द्वारा पिछड़े आयोग को संवैद्यानिक दर्जा देते समय छीना था। अब जमीनी धरातल पर ओबीसी के भारी विरोध के बाद मोदी सरकार ने मजबूर होकर दोबारा संविधान संशोधन करके इसे वापिस देना पडा है। ऐसे में भाजपाई-संघी ही अपनी झूठी प्रशंसा करने की बेशर्मी कर सकते है। विद्रोही ने कहा कि उनका निजी आंकलन है कि भाजपा में देर- सवेर विस्फोट तय है और , देर-सवेर भाजपा को अलविदा कहने को मजबूर हो जायेगे। Post navigation तिरंगा यात्राओं में राजनीति व संघी महिमामंडन का तडक़ा तो है, शहीदों के सम्मान की भावना नही : विद्रोही जनता की आवाज को सदन में उठाएं मनोनीत पार्षद – राव इंद्रजीत