रेवाड़ी, 16 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि भारत अपनी आजादी के 74 वर्ष पूर्ण करके आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गया, पर दुर्भाग्य यह है कि आजादी के 74 साल बाद एकबार फिर लोकतंत्र संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व संवैधानिक संस्थाओं पर फासीजम का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। विद्रोही ने कहा कि विगत सात वर्षो से भारत में धीरे-धीरे लोकतंत्र के नाम पर संघी फासीजम थोपा जा रहा है। लोकतंत्र व तिरंगे की दुहाई तो दी जाती है, पर वास्तव में उसका मान-सम्मान नही किया जाता। 

मोनसून सत्र में जिस तरह लोकसभा में 23 व राज्य सभाओं में 19 बिलों को पारित  में जिस तरह लोकसभा में 23 व राज्यसभा में 19 बिलों को पारित किया, उस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमणा जी भी एक कार्यक्रम में अप्रत्यक्ष रूप से तंज कस कह गए कि जिस तरीके से संसद में आपाधापी में बिल पास हो रहे है, उससे ना केवल कमजोर कानून बन रहे है अपितु ऐसे कमजोर व अधूरे कानून नागरिकों के लिए भी खतरनाक है। विद्रोही ने कहा कि आजकल हरियाणा में भाजपा शहीदों के सम्मान के नाम पर कथित तिरंगा यात्राएं कर रही है, पर इन तिरंगा यात्राओं में राजनीति व संघी महिमामंडन का तडक़ा तो है, पर शहीदों के सम्मान की भावना दूर-दूर तक कहीं नजर नही आती। शहीदों के सम्मान में की जा रही इन कथित तिरंगा यात्राओं के होर्डिंग, बैनर में कहीं भी शहीदों की तस्वीर नही है। शहीदों की तस्वीरों के नाम पर प्रधानमंत्री, मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर केन्द्रीय मंत्रीयों, हरियाणा सरकार के मंत्री, भाजपा सासंदों, विधायकों की तस्वीरों है, मानो वे ही देश को आजाद करवाने के लिए बड़ी कुर्बानिया देने वाले स्वतंत्रता सेनानी हो। 

विद्रोही ने कहा कि भाजपाई-संघी ऐसा करके ना केवल आजादी आंदोलन के इतिहास व स्वतत्रंता सेनानियों का मजाक उड़ा रहे है, वहीं यही भी दर्शा रहे है कि इन कथित तिरंगा यात्राओं का शहीद सम्मान से कोई लेना-देना नही है अपितु उक्त यात्राएं जनता को बरगालकर वर्तमान में व्याप्त समस्याओं, महंगाई, बेरोजगारी, कुव्यवस्थाओं, किसान आंदोलन, पेगागस जासूसी, पैट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमते, भ्रष्टाचार, संघी लूट से आममजनों का ध्यान हटाकर नकली मुद्दों पर ध्यान बटाकर भाजपा-संघ की नफरत, बटवारे, धु्रवीकरण की राजनीति को सत्ता दुरूपयोग से आगे बढ़ाकर जनता को उल्लू बनाकर ठगना है। वहीं मीडिया इन भाजपाई-संघी तिरंगा यात्राओं के महिमामंडन की सभी हदे पार रहा है और इन यात्राओं की वास्तविकता बताने वाले बयानों को गोल कर रहा है। 

विद्रोही ने कहा कि गोदी मीडिया को अपना दास बनाकर मनचाही, मनगंढत प्रायोजित खबरे परोसकर जनता को ठगने वाली मोदी-भाजपा-संघी सरकार मेन स्ट्रीम मीडिया से कांग्रेस-विपक्ष को ब्लैक आऊट करवा चुकी है और अब वह सोशल मीडिया प्लेटफार्मो को भी सत्ताबल पर धमकाकर, ब्लैकमेल करके कांग्रेस-विपक्ष की आवाज को पूर्णतया कुचलने का कुप्रयास कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत बडा खतरा है। विद्रोही ने कहा कि यदि इस गंभीर खतरे को समझकर आमजनों ने जोरदार विरोध नही किया तो भरत में लोकतंत्र, संविधान, अभिव्यक्ति स्वतत्रंता, धर्मनिरपेक्षता, समानता केवल सजावटी शब्द बनकर रह जायेंगे। 

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