चंडीगढ़– समझ नही आ रहा कि जिन अंग्रेजो ने छलकपट कर सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत देश को 100 साल तक गुलाम बनाये रखा । और उस गुलामी को आजादी में बदलने के लिये ना जाने कितने वीरों ने अपनी शहादत दे शहीद कहलवाने में अपनी जिंदगी दाव पर लगा हमे आजाद करवाया । लेकिन आज हम 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे है । क्या हम आजाद हैं । यह बात अंदर अंदर हमें खाई जा रही है कि आजादी मिलने के बाद भी हम आजाद भारत के गुलाम बाशिंदे बन जीवन जीने को मजबूर हैं । आखिर क्यों ? यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वस के अंतरराष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने अपनी टीम द्वारा आजादी दिलवाने वाले हर उस शहीद की याद में हमारे राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए उनको बधाई देते हुए कही ।

उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जिस प्रकार से आज आजाद भारत की आवाम गुलामी की जंजीरों में कैद जीवन व्यतीत कर रही है । लोकतंत्र खत्म कर राजतंत्र का बोलबाला है । क्या सच मे हम खुश हो कर इस स्वतंत्रता दिवस पर मुबारकबाद देने के हकदार है ?शायद नही । ऐसे भारत को देखते हुए आजादी दिलवाने वाले शहादत दे शाहिद भी शर्मसार हो रहे होंगे । की क्या सच मे उन्होंने अपनी जिंदगी दाव पर लगा जो शहादत दी थी वो भारत ऐसा नही हो सकता । राजनीति की हैर फेर में जिस भारत की आवाम को गुलाम बना रखा है वो अपने आप को आजाद भारत का बाशिंदा कैसे बोल सकता है ।

देश मे हर तरफ लूटमार , कत्लेआम , नारी का शोषण , मंहगाई दिखाई दे रही है । फिर हम अपने आप को आजाद कैसे बोल सकते है ।

यतीश शर्मा ने कहा कि हमारी आजादी उस दिन होगी जब लोकतंत्र वापिस आएगा । हर नारी बेखोफ हो कहीं भी बिना डर के घूम सकेगी । भरष्टाचार फैलाने वाले हर उस सरकारी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी ।

उन्होंने अपनी टीम की राष्ट्रीय महासचिव आरती राजपूत को बधाई देते हुए कहा कि जिस प्रकार से उन्होंने अपने होम टाऊन जालन्धर की टीम के साथ शहीदों की याद में अपने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए । उन शहीदों को याद रख मानवता के आधार ओर मानव अधिकारों की रक्षा सविधान के तहत सँघर्ष करते हुए आवाम को जागरूक करने की कसम खाई ओर उन शहीदों को याद कर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वस की चेयरपर्सन राजश्री शर्मा के आदेशानुसार देश की आवाम को जागरूक कर उनके हर मानव अधिकार को उन्हें बताने ओर उन्हें उनका हक दिलवाने में पूरी मेहनत और सँघर्ष की बात कही गई थी ।

इस अवसर पर गौरव जी , इंदरजीत जी , अश्वनी जी , परविंदर जी व कई गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शहीदों को याद कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई । और पुलिस कर्मचारियों व अन्य लोगो को मिठाई बांटी गई ।

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