11 अगस्त 2021- देश के सबसे युवा क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस के 113वें शहीद दिवस पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अपने कार्यालय में उनके चित्र पर पुष्पाजंली अर्पित करके अपनी भावभीनी श्रद्घाजंली अर्पित की। इस अवसर पर प्रदीप यादव, कपिल यादव, अजय कुमार, अमन कुमार व कुमारी वर्षा ने भी अपने श्रद्घासुमन शहीद खुदीराम बोस को अर्पित किए। विद्रोही ने इस अवसर पर कहा कि भारत के आजादी इतिहास में शहीद खुदीराम बोस की देश की आजादी के लिए किया गया बलिदान अमूल्य एवं प्रेरणादायक है। मात्र 19 वर्ष की आयु में अंग्रेजी हुकूमत ने शहीद खुदीराम बोस के क्रांतिकारी विचारों व कार्यो से डरकर उन्हे फांसी पर लटका दिया था। 3 दिसम्बर 1889 को जन्मे खुदीराम बोस केवल 18 वर्ष 8 माह 22 दिन की आयु में ही 11 अगस्त 1908 को देश के लिए अपना बलिदान कर दिया था, जिसकी मिसाल दुनिया में बहुत ही कम मिलती है। विद्रोही ने कहा कि देश की आजादी के लिए फांसी पर चढक़र अपना बलिदान करने वाले वे सबसे युवा क्रांतिकारी थे। इतनी छोटी सी आयु में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करके अपने को देश के लिए बलिदान कर देना, देशभक्ति की ऐसी मिसाल है जो आज भी हमे बड़ी प्रेरणा देता है। वहीं इतनी छोटी आयु में युवा शहीद खुदीराम बोस को अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी देना, यह भी बताता है कि अंग्रेजी शासन उनसे कितना खौफाजदा था। वहीं यह भी प्रमाणित करता है कि देशभक्तों व क्रांतिकारियों को कुचलने के लिए अंग्रेजी साम्राज्य कितना अमानवीय था। विद्रोही ने का कि शहीद खुदीराम बोस की 113वें शहीद दिवस पर हमे उनकी राष्टï्रभक्ति व देश के लिए सबकुछ बलिदान करने की भावना से प्रेरणा लेकर आज आतंकवाद, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, असमानता, अन्याय, भ्रष्टïाचार जैसी समाज का विनाश करने वाली बुराईयों के खिलाफ आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लेना ही इस महान शहीद को सच्ची श्रद्घाजंली होगी। Post navigation खेल रत्न के नाम में बदलाव का क्या खेल ? ओलंपिक में पदक से चूकीं विनेश फोगाट पर घर लौटते ही गिरी गाज..