कितलाना टोल पर धरने के 227वें दिन पुलिस भर्ती के लिए हुई परीक्षा रद्द होने पर उठाए सवाल 

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

8 अगस्त, विधानसभा चुनाव से पहले ना पर्ची चलेगी ना खर्ची चलेगी का नारा देने वाली भाजपा सरकार में खर्चे की पर्चियां जरूर बढ़ गई हैं। यह आरोप संयुक्त किसान मोर्चा कितलाना टोल अध्यक्ष मंडल के सदस्य राजू मान ने धरने को संबोधित करते हुए लगाए। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य को दांव पर लगाने वाली गठबंधन सरकार में अधिकतर परीक्षाएं रद्द होने से यह सिद्ध हो गया है कि सरकार में पेपर माफिया हावी है जिसे बड़ा संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने बड़ी उम्मीद के साथ परीक्षा की तैयारियां की थी और इसके लिए लगभग हर युवा ने कोचिंग के लिए बड़ा खर्चा किया था लेकिन सरकार के निकम्मेपन से उनको भारी झटका लगा है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक कांड की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज द्वारा होनी चाहिये ताकि बड़ी मछलियों के चेहरे उजागर हो सकें।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अधिकतर सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर बेरोजगार युवाओं की लंबी चौड़ी फौज खड़ी कर दी है। यही हाल हरियाणा सरकार का है। उन्होंने कहा की आज बेरोजगारी के मामले में प्रदेश देशभर में पहले पायदान को छूने वाला है। सरकार की गलत नीतियों की वजह से कई बड़े उद्योग प्रदेश से पलायन करने की तैयारियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज समाज के हर तबके में भारी निराशा छाई हुई है। यही वजह है कि तीन काले कानूनों के खिलाफ किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी मिलकर लंबे समय से सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर हैं।

दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि संसद के मौजूदा सत्र में जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई के 140 करोड़ बिना संसद चले बर्बाद हो गए हैं जिसके लिए केंद्र की मोदी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि तीन काले कानून, बढ़ती महंगाई और पेगासस जासूसी मामले में चर्चा से बचने के लिए मोदी सरकार संसद में बार बार काम रोको प्रस्ताव खारिज करवा चुकी है जो ये बताने के लिए काफी है कि सरकार इन मसलों में दोषी है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 227वें दिन खाप सांगवान 40 के नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के राजू मान, फौगाट खाप के उपप्रधान धर्मपाल महराणा, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, पंवार खाप से मास्टर महाबीर, बलबीर बजाड़, दिलबाग ढुल, फुलपति कितलाना, मामकौर डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि खेलों में किसान मजदूरों के बेटे और बेटियों ने देश का नाम रोशन किया है लेकिन सरकार उनके बुजुर्गों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया।

इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, गंगाराम श्योराण, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर घिकाड़ा, जागेराम डीपीई, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, धर्मेन्द्र छपार, अमरसिंह हालुवासिया, परमजीत मड्डू, दिलबाग नीमड़ी, कृष्ण लेघा, मुकेश पहाड़ी, अमित सांगवान, बलवन्त रानीला, सुशल कुमार सेन, संतलाल धानक, खुशीराम जांगड़ा, रामनिवास जांगड़ा, कल्लू, सतबीर सिंह लोहरवाड़ा इत्यादि मौजूद थे।

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