मुख्यमंत्री खट्टर का रवैया असंवेदनशील व सत्ता मद का परिचायक है : विद्रोही

रेवाड़ी, 5 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि जलभराव से खराब हुई खरीफ फसलों व गांव-शहरों में गरीब तबकों के मकानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की चौतरफा मांग के बाद भी भाजपा खट्टर सरकार द्वारा इस दिशा में अभी तक आवश्यक कदम न उठाना बताता है कि भाजपा की किसान व गरीब हित के दावे केवल जुमले है। विद्रोही ने कहा कि मोनसून वर्षा में जलभराव से प्रदेश के लगभग हर जिले में किसानों की खरीफ फसल कम-ज्यादा खराब हुई है। वहीं गांव व शहरों में रहने वाले गरीब तबके के मकान भी इस जलभराव से क्षतिग्रस्त हुए है। सत्तारूढ़ दल भाजपा सहित प्रदेश के सभी राजनीतिक दल, विधायक, जनप्रतिनिधि किसान व गरीब आदमी भी बर्बाद खरीफ फसलों व क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा मांग रहे है, पर अभी तक मुख्मयंत्री खट्टर के कान पर जूं तक नही रेंगी है। वे इस विषय पर चुप है। 

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर का उक्त रवैया असंवेदनशील व सत्ता मद का परिचायक है। हरियाणा में किसानों की खरीफ फसल पर दोहरी मार पड़ी है। समय पर मोनसून वर्षा नही होने से एक ओर वह अपनी पूरी जमीन पर फसल की बिजाई नही कर सका, वहीं भारी धन खर्च करके येनकेन प्रकेरण उसने फसल बोई भी तो देर से आई मोनसून की भारी बरसात के कारण जलभराव ने उस फसल को काफी नुकसान पहुंचाया। सरकार के लापरवाहपूर्ण रवैये व भ्रष्टाचार के कारण मोनसून वर्षा से नाले, नालियों, सीवरों व पानी निकासी के मार्ग की सफाई नही होने से मोनसून की भारी वर्षा ने प्रदेश के गांवों, शहरों में नीचले क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों की बस्तियों में जलभराव कर दिया जिससे गरीबों के मकान खराब हुए, वहीं जिन गरीबों के अशियाने कच्चे थे, वे तो पूरी तरह ढह गए। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने कहा कि हरियाणा सरकार का नैतिक व संवैद्यानिक दायित्य है कि जलभराव के कारण खराब हुई खरीफ फसलों व क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे करवाकर पीडि़तों को समुचित मुआवजा दे ताकि पहले ही कोरोना आर्थिक संकट से बदहाल किसान-गरीब और बदहाल न हो। 

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