यह कैसी संघी सरकार है जो संघीयों को तो नकली स्वतत्रंता सेनानी बनाकर उन्हे हर तरह की सरकारी सुविधा देने में सत्ता दुरूपयोग से ऐडी-चोटी का जोर लगा रही है

रेवाड़ी, 6 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते गांवों में जाने व शहरों में राजनीतिक सभाएं करने में असफल हो रही भाजपा अब कथित तिरंगा यात्राओं के द्वारा गांवों व शहरों में अपनी राजनीतिक सभाएं करके मोदी-खट्टर के गुणगान का कुप्रयास कर रही है। विद्रोही ने कहा कि कथित तिरंगा यात्रा में भारतीय आजादी आंदोलन व इसमें शहादत देनेे व भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का गुणगान करने की बजाय मोदी-खट्टर व संघीयों का गुणगान बताता है कि यह तिरंगा यात्रा न होकर भाजपा वोट हडपों यात्रा है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि जिन संघीयों ने कभी आजादी आंदोलन में भाग नही लिया। जब पूरा देश आजादी आंदोलन में कुर्बानिया दे रहा था, तब उस समय संघ के स्वयंसेवक अंग्रेजी हुकूमत की दलाली करके मुखबिर बनकर दौलत कमा रहे थे। आजादी अंादोलन में अंग्रेजों के पिट्टू, दलाल रहने वाले संघीयों के वंशज आज तिरंगा यात्रा निकालकर फिर आमजनों को ठग रहे है। 

विद्रोही ने कहा कि जब आजादी आंदोलन में विदेश में रहकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आजाद हिंद फौज बनाकर अंग्रेजी सेना में कार्यरत भारतीय सैनिकों से बगावत करवाके उन्हे आजाद हिंद फौज के सैनिक बना रहे थे, तब उस समय संघी अंग्रेजी सरकार से प्रति व्यक्ति एक रूपया ईनाम लेकर भारतीय युवाओं को अंग्रेजी फौज में भर्ती करवाकर पैसा कमा रहे थे। आज सत्ता मिलने पर भाजपाई-संघी आपातकाल के दौर में जेलों में गए अपने कार्यकर्ताओं को नकली स्वतत्रंता सेनानी बनाकर पैंशन व अन्य सुविधााएं देकर हरियाणा के सरकारी खजाने को लूट रहे है, पर जिन वीर सैनिकों ने आजाद हिंद फौज में शामिल होकर देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया था, उन्हे भाजपा-संघी सरकार यथोचित सम्मान भी नही दे रहे है।

हरियाणा के जिन वीर सिपाहियों ने आजाद हिंद फौज में शामिल होकर बगावत की थी, उनके वंशज आज अपने पिता-दादा को स्वतंत्रता सेनानी दर्जा दिलवाने के लिए भटक रहे है। पर हरियाणा सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाकर उनका सैनिक रिकार्ड खंगालने व उन्हे आजाद हिंद फौज का सिपाही मानकर स्वतत्रंता सेनानी का दर्जा देने के प्रति उदासीन है।

विद्रोही ने कहा कि यह कैसी संघी सरकार है जो संघीयों को तो नकली स्वतत्रंता सेनानी बनाकर उन्हे हर तरह की सरकारी सुविधा देने में सत्ता दुरूपयोग से ऐडी-चोटी का जोर लगा रही है, वहीं जो आजाद हिंद फौज के सैनिक स्वतत्रंता सेनानी का दर्जा पाने से वंचित रह गए, उनका रिकार्ड खंगालकर उन्हे स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देकर सभी तरह की सुविधाएं देने में गंभीरता से काम करने की बजाय टाल-मटोल रवैया अपनाकर असली स्वतत्रंता सेनानियों के साथ क्रूर मजाक कर रही है। 

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