ऋषि प्रकाश कौशिक

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज अपने गृह राज्य की कानून व्यवस्था से बेख़बर लगते हैं। शायद उन्हें प्रदेश से कोई सरोकार नहीं है। पिछले दो-तीन से जो ख़बरें और तस्वीरें आ रही हैं, उनसे तो यही लगता है कि अनिल विज को अपने प्रदेश के ताजा हालात की जानकारी ही नहीं है; या फिर अपनी जिम्मेदारी से मुहँ मोड़ रहे हैं।      

उनका सारा समय तो विरोधी राजनीतिक पार्टियों खास तौर से कॉंग्रेस नेताओं की चाय पार्टियों और आम आदमी पार्टी के कामकाज के तौर-तरीकों पर चिंता जताने में बीत जाता है। अपनी पार्टी और सरकार के कामकाज पर ध्यान देने के लिए उनके पास समय बचता ही नहीं है। शायद समय अभाव के कारण ही वे अपने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारियों को भी ठीक से नहीं देख पा रहे हैं। जो खामियाँ आम जनता को भी दिखाई दे रही हैं वो स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री अनिल विज क्यों नहीं दिख रही हैं?

अनिल विज कभी अरविंद केजरीवाल के कामकाज पर टिप्पणी करते है तो कभी राहुल गांधी की आलोचना करते नजर आते हैं। कभी विपक्ष को यह पाठ भी पढ़ाने लगते हैं कि उसका असली धर्म क्या है? प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की तरह विपक्ष को यह ज्ञान देने से भी नहीं चूकते कि लोकसभा में ‘सलीके’ से सवाल पूछा जाना चाहिए। यहाँ उनसे एक चूक हो गई; उन्होंने यह नहीं बताया कि सलीका किस तरह का होना चाहिए यानी ‘सलीके’ की परिभाषा क्या है। यह बताएँगे तभी जनता जान पाएगी कि क्या बीजेपी विपक्ष ने रहते हुए हमेशा उसी ‘सलीके’ से सवाल पूछती रही है।  

गृहमंत्री अनिल विज के अपने राज्य में कोविड-19 प्रोटोकॉल का कतई पालन नहीं हो रहा है ना मास्क और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग। प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ रही हैं और गृहमंत्री अपने गृह से बेख़बर हैं। यदि उन्हें जानकारी है, फिर भी कार्रवाई नहीं कर रहे तो फिर उन्हें सरकार चलाने का धर्म सीखना चाहिए।

 हरियाणा में तिरंगा यात्रा 1 अगस्त से शुरू हुई है। यह 14 अगस्त तक चलेगी। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और कृषि मंत्री जेपी दलाल की तिरंगा यात्रा ने कोविड-19 प्रोटोकॉल को ठेंगा दिखाया और दिल्ली तक नजर रखने वाले गृहमंत्री अनिल विज को अपने प्रदेश का यह दृश्य नजर नहीं आया। दोनों नेताओं ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का धड़ल्ले से उल्लंघन कर प्रदेश में कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी दिया है कि कहीं कोरोना नहीं है इसलिए उसका प्रोटोकॉल की भी जरूरत नहीं है। यदि प्रोटोकॉल नहीं है तो हर जिले का उपायुक्त कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन की बार बार जनता से अपील क्यों कर रहे हैं।

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहा है। हमारे देश में ही कुछ राज्यों में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में सतर्कता और सजगता बढ़नी चाहिए जबकि हरियाणा में लापरवाही बढ़ रही है और गृहमंत्री  अनिल विज को राहुल गांधी की चाय पार्टी से बाहर निकल कर प्रदेश पर नजर डालने की फूर्सत नहीं है।

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