राष्ट्रीय झण्डे व शहीदों को सम्मान देने के नाम का पार्टी हितों के लिए दुरुपयोग कर रही भाजपा: नरसिंह डीपीई

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

2 अगस्त, संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर दादरी और भिवानी जिले के किसान मजदूर गांव गांव जाकर सभाएं करके जनता के सामने लाएंगे कि भाजपा राष्ट्रीय झण्डे व शहीदों को सम्मान देने के नाम का पार्टी हितों के लिए दुरुपयोग कर रही है। यह आरोप सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई ने कितलाना टोल पर धरने को सम्बोधित करते हुए लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा की मां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने देश के संविधान व तिरगें का अपमान किया था। ये लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व आजादी के नेताओं पर आए दिन कीचड़ उछालते रहते हैं। संघ ने आजादी के आन्दोलन में गद्दारी की थी इसलिए भाजपा व उसके नेता अपने नेता नेरन्द्र मोदी व अमित शाह को इन यात्राओं के माध्यम से दिखाना चाहते है कि हरियाणा के किसान उनकी नीतियों का समर्थन करते हैं।

किसान सभा के कामरेड ओम प्रकाश ने धरने में बोलते हुए आरोप लगाया कि इस तिरंगा यात्रा के माध्यम से वे हरियाणा में किसान आन्दोलन में हिंसा पैदा करके फूट डालकर इसे कमजोर करके दबाना चाहते हैं। वहीं अपनी बिगड़ी हुई छवि को सुधारना चाहते हैं। जबकि हरियाणा की जनता इनका असली स्वरूप समझ चुकी है और अब इनके झांसे में नहीं फसेंगी। 

कितलाना टोल पर धरने के 221 वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, स्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा के प्रतापसिंह सिंहमार, युवा कल्याण संगठन के सुभाष यादव, गंगाराम स्योराण, मास्टर राज सिंह जताई,दिलबाग ढुल, महिला नेत्री राजबाला कितलाना, सन्तरा डोहकी ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। टोल पर मैडीकल स्टाफ भिवानी ने डा० अमित ग्रेवाल के नेतृत्व में कोरोनों रोधी टीकाकरण के लिए कैम्प का आयोजन किया और कई किसानों व महिलाओं को पहली व दूसरी डोज के टीके लगाए। टोल की तरफ से तथा युवा कल्याण संगठन की तरफ से डा० अमित ग्रेवाल, स्टाफ कृष्णा देवी व आशा देवी को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान सांगवान, लवली सरपंच, जगदीश हुई, कमलेश भैरवी, प्रोफेसर जगविन्द्र सांगवान, सुबेदार सतबीर सिंह, कमल प्रधान, सुबेदार कवंर शेर चन्देनी, रणधीर घिकाड़ा, सत्यवान कालूवाला, रामानन्द धानक, रामनिवास प्रजापति, बालकिशन शर्मा, बुजन राम जांगड़ा, सुलतान खान, मदन लाल मजदूर नेता, रघबीर स्वामी, शमशेर सांगवान, बलजीत मानकावास, सतीश चमार व जय प्रकाश गोरीपुर समुन्द्र सिंह धायल शामिल थे।

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