भाजपा सरकार सत्ता दुरूपयोग से पहले किसानों के खिलाफ देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज करती है और किसानों को भारी विरोध के बाद ऐसी एफआईआर रद्द भी करती है। विद्रोही
एक स्थान पर पुलिस एफआईआर रद्द करती है तो दूसरे स्थान पर ऐसी एफआईआर दर्ज करके किसानों को भडक़ाकर फिर टकराव पैदा कर देती है। विद्रोही

रेवाड़ी,25 जुलाई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि सत्ता मद में चूर भाजपाई-संघी अपने उल-जलूल बयानों से जान-बूझकर आंदोलनरत किसानों से टकराव बढ़ाकर स्थितियों को बद से बदतर बना रहे है। विद्रोही ने कहा कि जहां केन्द्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी आंदोलनरत किसानों को मवाली बताकर अन्नदाता किसानों व कमेरे वर्ग का अपमान करके अपनी संघी मनुवादी मानसिकता को बेनकाब कर चुकी, वहीं हरियाणा के भाजपाई-सघी पहले ही किसान आंदोलन के पीछे पाक्स्तिान व खालिस्तानी आतंकवादियों का हाथ बताकर किसानों को गुंडे कहकर सभी हदे पार चुके है। अब हरियाणा के संघी किसानों को चीनी एजेंट बता रहे है और राग अलाप रहे है कि किसान आंदोलन के पीछे चीन का एजेंडा है। हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार किसानों को भडक़ाने का कोई मौका नही चूकती। भाजपा सरकार सत्ता दुरूपयोग से पहले किसानों के खिलाफ देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज करती है और किसानों को भारी विरोध के बाद ऐसी एफआईआर रद्द भी करती है। 

विद्रोहीे ने कहा कि किसानों के खिलाफ एक स्थान पर पुलिस एफआईआर रद्द करती है तो दूसरे स्थान पर ऐसी एफआईआर दर्ज करके किसानों को भडक़ाकर फिर टकराव पैदा कर देती है। किसानों से भाजपा खट्टर सरकार एक सुनियोजित रणनीति के तहत टकराव बढा रही है ताकि किसान संघीयों की कुटील चालों में फंसे जो कि अभी तक अपना आंदोलन अहिंसक ढंग से चला रहे है। एक ओर केन्द्रीय कृषि मंत्री किसानों से वार्ता करने का राग अलापते है पर वार्ता करते नही जबकि मार्च माह में ही संयुक्त किसान मोर्चा मोदी सरकार से वार्ता फिर शुरू करने के लिए पत्र लिख चुका है।

विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को थकाकर, डराकर हटाना चाहती हैे, पर संघीयों का यह मंसूबा पूरा नही होने वाला। हरियाणा में अन्य स्थानों पर तो भाजपाई-संघी कोई कार्यक्रम तक नही कर पा रहे है। केवल सरकार भक्त दक्षिणी हरियाणा में आकर किसानों के खिलाफ जहर उगलते है। दक्षिणी हरियाणा के किसान सरकार भक्ति में संघीयों को बढावा देकर स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारकर जाने-अनजाने में पंूजीपतियों व संघी मनुवाद की कठपुतली बनकर अपनी आने वाली किसान पीढियों के रास्ते में जहरीले काटे बो रहे है जिसके लिए इतिहास व भावी पीढी इन्हे माफ नही करेगी। विद्रोही ने कहा कि मोदी-संघी सरकार गंभीर है तो तत्काल किसानों से वार्ता करके कृषि कानूनों को रद्द करने का रास्ता निकाले। 

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