चरखी दादरी जयवीर फोगाट 19 जुलाई, बहुप्रतीक्षित बिजली संशोधन बिल 2021 को लेकर जहां केन्द्र सरकार व समस्त भारत के बिजली कर्मचारी इंजीनियर आर पार की लड़ाई में सामने आ गए हैं वहीं संयुक्त किसान मेार्चा के आह्वान पर किसान मजदूर भी झ्स बिल के विरूद्ध लड़ाई तेज कर रहे हैं। आज कितलाना टोल पर धरने को सम्बोधित करते हुए किसान नेता व सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिहं सांगवान ने कहा कि समस्त 15 लाख बिजली कर्मचारी व अधिकारी 10 अगस्त को इस बिल के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहे हैं साथ में किसान मजदूर भी तीन कृषि विरोधी काले कानूनों को रद्द करवाने के साथ 22 जुलाई से बिजली संशोधन बिल को भी रद्द करवाने के लिए संसद मार्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता नहीं चाहती की यह कानून पास हो। युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल प्रधान ने कहा कि यह बिल अगर कानून बन जाता है तो आम जन, किसान, मजदूर व गरीब को महंगी बिजली मिलेगी तथा उन्हें भारी नुकसान भुगतना पड़ेगा। इससे पूंजीपतियों को भारी मुनाफा होगा। केन्द्र सरकार ने हितधारकों, उपभोक्ताओं व राज्यों से विस्तृत विचार किए बगैर वर्तमान मानसून सत्र में बिजली संशोधन बिल 2021 को पास करवाकर बिजली वितरण प्रणाली को प्राइवेट हाथों में सौंपना चाहती है लेकिन किसान आन्दोलन हरगिज ऐसा नहीं होने देगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल धरने पर 207वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, युवा कल्याण संगठन से कमल प्रधान, चोगामा खाप से मीरसिहं सिंहमार, ओमप्रकाश दलाल, बीरमति डोहकी, प्रेमलता शर्मा ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने का मंच संचालन सुभाष यादव ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सूरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जा नगर, सोमबीर मैनेजर, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह कितलाना, साधु , सुरेश मानकावास, कुलदीप कितलाना, दिलबाग छपार,धरमेन्द्र छ्पार, दलीप झरवाई, सुबेदार कवंरशेर चन्देनी, लवली सरपंच समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। Post navigation प्रदूषण रोकने की मुहिम चलाई प्रशासन ने 22 जुलाई से शुरू संसद कूच की तैयारी में जुटे किसान : संयुक्त किसान मोर्चा