पिछले लंबे समय से सब किसान संगठनों ने की थी मंडियों के अलावा वैकल्पिक व्यवस्था की मांग

राजनीतिक लोगों से बचकर सरकार से बात करें किसान
किसानों से बात करने के लिए सरकार ने फिर से की है पहल
केंद्र एवं राज्य सरकार किसानों के लिए कर रही हैं काम
स्वामीनाथन रिपोर्ट की 201 में से 200 मांगे पूरी की गई
जल्द होगा प्रदेश किसान मोर्चा संगठन का विस्तार : सुखविंदर मांडी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

9 जुलाई,पिछले लंबे समय से ही सब किसान संगठनों ने मंडियों के अलावा एक वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की थी जिसको मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार ने मूर्त रूप दिया है अब किसान भाइयों को चाहिए कि वह अपने बीच के राजनीतिक लोगों को हटाकर सरकार से संवाद करें। यह बात बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांढ़ी ने बाढड़ा के अपने दौरे पर कहीं।

उन्होंने कहा कि 25 साल से ज्यादा समय से किसान संगठन लगातार यह मांग कर रहे थे कि उनको मंडियों के अलावा दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था दी जाए जिसको मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार ने पूरा किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से फिर से एक पहल किसान संगठनों से बात करने की की गई है ऐसे में किसान भाइयों को चाहिए कि वह अपने बीच में छिपे राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों को हटाकर सरकार के साथ बात करें और लंबे वक्त से चला रहा गतिरोध अब खत्म किया जाए। इसके साथ ही सुखविंदर मांढ़ी ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट कि 201 में से 200 मांगे अब तक पूरी कर दी गई हैं जोकि एक अभूतपूर्व कार्य है और सरकार का लक्ष्य से यही है कि किसी भी तरीके से अन्नदाता को समर्द्ध और सुदृढ़ किया जाए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार लगातार यह कोशिश कर रही है कि आने वाले वक्त के लिए हमें पानी बचाना है उस दिशा में भी हमारे किसान भाई आगे आकर कारगर उपाय करें। किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसान मोर्चा के संगठन का जल्द ही विस्तार किया जाएगा और कोशिश की जाएगी कि प्रदेश के किसानों की जो भी समस्याएं हैं उनको सरकार के साथ समन्वय कर कर पूरा कराया जाए। मांढ़ी ने ककड़ोली, लाडावास, डांडमा, निमड़, कान्हड़ा, जांवा इत्यादि गाँवों में ग्रामीण  संपर्क किया।

 इस मौके पर ज़िला महामंत्री विजय अग्रवाल, किसान मोर्चा ज़िला अध्यक्ष संदीप फोगाट, मण्डल अध्यक्ष मंगल गोपी, किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष मनजीत पहलवान, पूर्व व्यापार मण्डल अध्यक्ष बलजीत, राज गोठड़ा, विनोद लाडावास, शुभराम, प. दिवान चंद, गोकल राम, सतबीर, उमेद सिंह, कालू राम पूर्व पंच, राजेन्द्र पंच, शेरसिंह, मांगे राम, ईश्वर सिंह, सुरेंद्र, मनीष, महेन्द्र, एडवोकेट अश्विनी, राकेश डांडमा, मोंटी, सौरव मौजूद थे।

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