प्रिंस के परिजनों ने हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में
की याचिका दायर
न्यायालय ने सरकार व चारों पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर मांगा है जबाव
अगली सुनवाई होगी 8 नवम्बर को

गुडग़ांव, 8 जुलाई (अशोक): जिले के एक निजी स्कूल में कक्षा दूसरी के छात्र प्रिंस की स्कूल परिसर में ही गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच जहां पहले गुडग़ांव पुलिस ने की थी, वहीं प्रिंस के परिजनों की मांग पर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

पुलिस ने स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को मामले का आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब मामले की सुनवाई सीबीआई को सौंप दी गई तो सीबीआई ने गुडग़ांव पुलिस की पूरी थ्योरी को बदलते हुए जहां आरोपी बस कंडक्टर को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था, वहीं उसी स्कूल की कक्षा 11वीं के छात्र भोलू को गिरफ्तार कर सुधार गृह भेज दिया गया था और सीबीआई ने इस हत्याकांड में मामले की जांच कर रहे पुलिस के 4 अधिकारियों एसीपी बीरेम सिंह, भौंडसी के तत्कालीन थाना प्रभारी नरेंद्र खटाना, शमशेर सिह व सुभाषचंद के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई थी। प्रदेश सरकार ने इन चारों तथाकथित आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुमति नहीं दी थी।

मृतक प्रिंस के परिजन सरकार द्वारा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही न करने के आदेश को पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी और मांग की गई थी कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय को रद्द कर इन पुलिसकर्मियों पर भी केस चलाया जाए। गत दिवस इस मामले में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान ने सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के गृह विभाग, सीबीआई व चारों पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। उच्च न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई 8 नवम्बर को करेगा।

सीबीआई ने अपनी जांच में इन सब पुलिस अधिकारियों पर मामले से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़ करने व निर्दोष बस कंडक्टर अशोक को हत्या के आरोप में फंसाने का आरोप लगाया था। प्रदेश सरकार ने गत 19 फरवरी को इन अधिकारियों पर मुकदमा न चलाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। प्रदेश सरकार का मानना था कि इन पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की है। हर एजेंसी की जांच का एंगल अलग हो सकता है। प्रिंस के परिजनों ने सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

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