गुरूग्राम । केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली और प्रधान मंत्री लोक शिकायत निवारण यह दोनों भारत सरकार के उच्च स्तर के लोक शिकायत पोर्टल है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक मंच प्रदान करता है। यदि आपके पास देश के किसी भी सरकारी संगठन के खिलाफ कोई शिकायत है, तो आप अपनी शिकायत यहां दर्ज कर सकते हैं, जो तत्काल निवारण के लिए संबंधित मंत्रालय / विभाग / राज्य सरकार को जाएगी।

सरकारी संगठनों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग नागरिकों को परेशानी मुक्त तरीके से शिकायत दर्ज करने में सक्षम बनाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म यानी केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (लोक शिकायत पोर्टल) संचालित किया गया था । प्रधान मंत्री लोक शिकायत निवारण (पी एम् ओ पी जी), केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सी पी ग्रामस) राष्ट्रीय सुचना विज्ञानं केंदर द्वारा विकसित एक ऑनलाइन वेब-सक्षम प्रणाली है, जिसे राष्ट्रीय सुचना विज्ञानं केंदर द्वारा लोक शिकायत निदेशालय और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (लोक शिकायत निदेशालय) के सहयोग से विकसित किया गया है।

केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली वेब प्रौद्योगिकी पर आधारित मंच है जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से कहीं से भी और कभी भी (24×7) से पीड़ित नागरिकों द्वारा शिकायतों को प्रस्तुत करने में सक्षम होना है जो मंत्रालय / विभागों / संगठनों की जांच करते हैं और इन शिकायतों के त्वरित और अनुकूल निवारण के लिए कार्रवाई करते हैं। इस पोर्टल पर यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट करने के माध्यम से ट्रैकिंग शिकायतों की भी सुविधा दी गई है।

केंद्र और हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार :

हरियाणा में राज्य के अधिकारियो के द्वारा जवाब न देने का यह सिलसिला कई सालो से चल रहा है। हरियाणा सरकार यदि इनकी जांच करवाए तो इन अफसरों का सारा कच्चा चिटठा बाहर निकल कर आ जाये।

जिस प्रकार हरियाणा सरकार ने सी एम् विन्डो की शिकायतों के लिए सख्ती दिखाई है । उसी प्रकार हरियाणा सरकार को केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली और प्रधान मंत्री लोक शिकायत निवारण की शिकायतों पर सख्त संज्ञान लेना चाहिए। हर छोटे बड़े कार्य के लिए जनता मंत्रियो के पास तो जा नहीं सकती है। अधिकारियो के द्वारा मंत्रियो को कठपुतलियो की तरह नचाया जा रहा है।

यदि किसी शिकायत पर हरियाणा के अधिकारी जवाब भी देते है तो ऐसा कि जवाब दिखाई नहीं देता है । उदहारण के तोर पर उतर में ” कृपया संलग्न प्राप्त करें” लिख दिया जाता है परन्तु कोई अधिकारिक पत्र सलंग्न नहीं किया जाता है। यदि किसी शिकायत का निवारण होता भी है तो उसमे कुछ ऐसा दिखा दिया जाता है की सरकार की नीतियों के कारण वे इस कार्य को करने में असक्षम है । यदि कोई अधिकारी अपने घमंड में चूर है तो वो तो शिकायत का निपटारा ही नहीं करता बल्कि जनता का कार्य रोक दिया जाता है और मिलने पर कहते है “चक्कर काटने दो” । बेहद अविश्वसनीय कार्य करने की योग्यता है इन अधिकारियो में ।

हरियाणा सरकार द्वारा इसकी जांच करवाई जाये और जो अधिकारी प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है और जनता को परेशान कर रहे है उन पर सख्ती से कार्यवाही की जाये ।

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