रेप-मर्डर आरोप लगने मात्र से आंदोलनरत किसानों के कारण किसान शब्द बदनाम हो रहा है तो इस हिसाब से रेप-मर्डर करने वाले भाजपाई-संघीयों के कारण क्या खट्टर जी की नजरों में भाजपा-संघ रेपिस्ट-मर्डरर का गिरोह बन गया है?
मुख्यमंत्री खट्टर ने किसान आंदोलन के संदर्भ में जो सोच सामने रखी है, उस नजर से तो भाजपा-संघ को भी रेपिस्ट, मर्डरर व अराजक तत्वों का टोला कहा जा सकता है। 

2 जुलाई 2021 – तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के आचरण से किसान शब्द बदनाम होने के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के आरोप पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने कड़ी ने प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि रेप-मर्डर आरोप लगने मात्र से आंदोलनरत किसानों के कारण किसान शब्द बदनाम हो रहा है तो इस हिसाब से रेप-मर्डर करने वाले भाजपाई-संघीयों के कारण क्या खट्टर जी की नजरों में भाजपा-संघ रेपिस्ट-मर्डरर का गिरोह बन गया है?

विद्रोही ने कहा कि मुठ्ठीभर लोगों केे गलत आचरण के कारण हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर जी द्वारा आंदोलनरत किसानों पर हिंसक होने व किसान शब्द बदनाम करने का आरोप जडऩा बताता है कि परम्परागत किसान विरोधी सोच के वर्ग से आने वाले खट्टर जी के मन में किसानों के प्रति कितना जहर भरा हुआ है। खट्टर जी ऐसा कहकर एक तरह से खुद की मानसिकता व सोच को बेनकाब करते हुए प्रमाणित कर रहे है कि संघी कभी किसान-मजदूर व कमेरे वर्ग के हितैषी नही हो सकते है। 

विद्रोही ने कहा कि विगत सात माह में आंदोलनरत स्थल दिल्ली बार्डर पर एक युवती से रेप व एक व्यक्ति की जलकर हत्या करने का आरोप लगा है, पर अभी तक पुलिस जांच में कहीं भी साबित नही हुआ है कि इस रेप व हत्या की घटना में किसान नेताओं का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष हाथ रहा है। विगत सात माह से छुटपुट घटनाओं को छोडकर किसान आंदोलन अहिंसक व शांतिपूर्ण रहा है। इतने लम्बे समय से चल रहे सरकार विरोधी आंदोलन में खुद या भाजपा सरकार की शह पर कुछ अराजक तत्वों का घुसपैठ करके आंदोलन को बदनाम करने का षडयंत्र भी हो सकता है ताकि मोदी-भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों का दमन करने का बहाना मिल सके।

विद्रोही ने कहा कि यदि खट्टर जी का तर्क मान भी लिया जाये कि इस तर्क के अनुसार भाजपा-संघी तो रेपिस्ट-मर्डरर व अराजक तत्वों का टोला है क्योंकि विगत एक साल में ही देश व हरियाणा में भाजपा-संघ से जुड़े कई नेता व कार्यकर्ता रेप व मर्डर की घटनाओं व भ्रष्टाचार में लिप्त रहे है। कई के खिलाफ तो एफआईआर तक दर्ज है। मुख्यमंत्री खट्टर ने किसान आंदोलन के संदर्भ में जो सोच सामने रखी है, उस नजर से तो भाजपा-संघ को भी रेपिस्ट, मर्डरर व अराजक तत्वों का टोला कहा जा सकता है। 

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