-साल 2019-20 और 2020-21 का बकाया जमा करवाया-शहर में 290 टावर विभिन्न कंपनियों के लगे हैं-कई अन्य कंपनियां भी नोटिस के बाद बकाया के बारे में पूछने पहुंची रमेश गोयत पंचकूला। नगर निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए मेयर कुलभूषण गोयल की मुहिम रंग लाने लगी है। मेयर द्वारा लगातार जिन भी कंपनियों और संस्थानों का प्रॉपर्टी टैक्स, टावर की फीस एवं अन्य राशि बकाया हैं, उन्हें वसूलने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है, जिसके नतीजे सामने आने लगे हैं। शहर में पिछले कई सालों से विभिन्न टावर कंपनियों द्वारा नगर निगम की जमीन पर टावर तो लगा दिए गए, लेकिन उसकी ऐवज में दी जाने वाली फीस अदा नहीं की। कुलभूषण गोयल ने नगर निगम आयुक्त, संयुक्त आयुक्त सहित सभी अधिकारियों की बैठक लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि तुरंत टावर कंपनियों के कनेक्शन काट दिए जाएं। हाउस की बैठक में भी यह एजेंडा पास कर दिया गया। पिछले दिनों नगर निगम द्वारा टावर कंपनियों को फीस जमा करवाने के लिए नोटिस दिये गये थे। नोटिस के बाद जिओ कंपनी द्वारा एक करोड़ 95 लाख रुपये नगर निगम को जमा करवा दिए गए। यह फीस वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 की जमा करवा दी गई है। अलग-अलग दिनों में आरटीजीएस या चैक के माध्यम से यह पैसा नगर निगम के खातों में पहुंच चुका है। अब दूसरी कंपनियां भी अपनी बकाया राशि के बारे में निगम अधिकारियों से पता करने में जुटी हुई हैं और उम्मीद है कि जल्द ही करोड़ों रुपया अन्य कंपनियों द्वारा भी नगर निगम के पास जमा करवा दिया जाएगा। मेयर कुलभूषण गोयल के मुताबिक यदि प्रॉपर्टी टैक्स की बात की जाए, तो निगम एरिया में एक लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स अदा ना करने 999 लोगों से से लिया जाना है, जोकि लगभग 37 करोड़ रुपए का है। इसके अलावा 5 लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स अदा ना करने वाले 14 संस्थानों से लगभग साढ़े 17 करोड़ रुपये वसूले जाने है, जिसमें होटल, बैंक, सरकारी कार्यालय, जिमखाना क्लब, पैट्रोल पंप शामिल है। इन्हें नोटिस दे दिये हैं और अब सुनवाई का मौका दिया जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा हर वर्ष लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में वसूले जाने का लक्ष्य रखा जाता था, लेकिन रिकवरी 7 से 10 करोड़ रुपये ही होती थी। गत वर्ष साढ़े 11 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई। मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि इस साल कम से कम 25 करोड़ रुपये की रिकवरी की जाएगी। कुलभूषण गोयल ने कहा कि जो संस्थान प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवायेंगे, उनकी सीलिंग की प्रक्रिया शुरु करने में भी कोई देरी नहीं की जाएगी। मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि शहर में लगभग 290 से अधिक विभिन्न कंपनियों के मोबाइल टावर हैं। नगर परिषद से लेकर नगर निगम तक के अधिकारियों न तो टावरों से फीस वसूली हैं और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की हैं। मोबाइल टावरों से जहां निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं इनके द्वारा तय मापदंड का पालन न करने पर यह कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं। मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा कि यदि कोई कंपनी नियमों का पालन नहीं करती और फीस जमा नहीं करवाती, तो उस पर तुरंत कार्रवाई करके उनके कनैक्शन काट दिये जाएं। फीस ना देकर सीधा फायदा मोबाइल टावर कंपनियों को हो रहा है। मोबाइल टावर को लेकर सरकार अधिसूचना भी जारी कर रखी, उसका भी पालन टावर करवाने के निर्देश दिये हैं। Post navigation कम्प्युटर टीचर्स और लैब सहायकों को मिला सेवा विस्तार भिखारी की जिंदगी व्यतीत कर रहा बुजुर्ग निकला कुश्ती का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी