सोशल मीडिया (“Social Media”) यानि ऐसा माध्यम जिसमें समाज भाग लेता है। आम आदमी भाग लेता है और अपने विचार, सूचनाएं, परिकल्पनाऐं आदि दूसरों से बांटता है।

चाहे बात दुनिया के सबसे पहले वास्तविक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “सिक्सडिग्रीज़” की करें, या फिर फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलेग्राम, ट्विटर या फिर देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले “व्हाटसऐप” की। आज के समय में हर उम्र के व्यक्ति के जीवन में सोशल मीडिया एक अहम हिस्सा बन गया है। सोशल मीडिया ने आम आदमी के लाइफस्टाइल को पूरी तरह से बदल दिया है। काम छोटा हो या बड़ा सभी सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे हो जाते हैं।

इन्टरनेट यूजर्स की बात की जाए तो देश की 50% आबादी तक इन्टरनेट की पहुंच है। 2019 तक देश में 68.76 करोड़ लोग इन्टरनेट इस्तेमाल करते थे। इनमें से 40 करोड़ ऐसे थे, जो सोशल मीडिया यूजर्स भी थे।

विश्व सोशल मीडिया दिवस (World Social Media Day) हर साल 30 जून को मनाया जाता है।

जहाँ शॉपिंग, कम्यूनिकेशन, ब्रैंड प्रमोशन और अपने दोस्तों और परिवार वालों से जुड़ने जैसी तमाम चीज़े सोशल मीडिया के जरिए पूरी हो जाती हैं, वहीं इस कोरोना महामारी में भी सोशल मीडिया काफी उपयोगी साबित हुआ है। जिसने प्लेटफॉर्म के जरिए जनता तक हर सुविधा पहुंचाने की पूरी कोशिश की।

लेकिन एक कड़वां सच यह भी है कि कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग झूठे, भड़काऊ, देश तथा धर्म विरोधी पोस्ट डालकर सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करते हैं।

डॉक्टर नितिका शर्मा के अनुसार गलत, झूठी, तथ्यविहीन जानकारी न दें। किसी दूसरे के नाम से अकाउंट न बनाएं, जो कि एक दंडनीय अपराध है। धमकी व अपशब्दों का प्रयोग न करें। यदि दूसरा व्यक्ति ऐसा करे तो उसके कॉमेंट्स को स्पाम के रूप में रिपोर्ट अवश्य करें।
अगर कोई बहुत बार भेजा हुआ मैसेज आपको प्राप्त होता है तो उसे गुगल रिवर्स इमेज पर चैक करने के बाद ही आगे भेजें।

जागरूक रहें और जागरूक करें।

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