27 जून 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने एक बयान में कहा कि शनिवार को भाजपाई-संघीयों ने 46 साल पूर्व लगे आपातकाल के विरोध में लम्बी-चौड़ी हांकर खुद को लोकतंत्र, नगारिक अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता का खैर-ख्वाह प्रस्तुत करने की भौंडी नौटंकी की। विद्रोही ने कहा कि आजादी आंदोलन का विरोध करके अंग्रेजी हुकूमत की दलाली व मुखबरी करने वाले संघीयों ने अपना पाप छुपाने आपातकाल के बहाने नकली स्वतंत्रता सेनानी खड़े करके उनको सम्मानित किया। अंगुली कटाकर व एक खून बंूद बहाकर शहादत का चोला ओढऩे वाले संघीयों का ना केवल आजादी आंदोलन में इतिहास काला है अपितु विगत सात सालों का मोदी राज भारत के इतिहास में ऐसे काले धब्बे के रूप में दर्ज हो गया है जो संघीयों के लाख कुप्रयासों के बाद भी नही मिटने वाला। 

विद्रोही ने सवाल किया कि विगत सात माह से कृषि कानूनों का अहिंसक गांधीवादी तरीके से विरोध में आंदोलन चलाने वाले किसानों पर सत्ता दुरूपयोग से दमन करने वाले भाजपाई-संघी ही यदि नागरिक अधिकारों व अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता के खैर-ख्वाह है तो इन्हे कुचलने वाला कौन है? जनादेश का अपमान करके केन्द्र की सत्ता व राज्यपालों का दुरूपयोग करके कांग्रेस की बजाय भाजपा सरकार बनाने वाले व दलबदल-पैसों के बल पर और जांच एजेंसियों के दुरूपयोग से कांग्रेस विधायकों को खरीदकर, डराकर, लालच देकर कांग्रेस सरकार गिराकर जनादेश के विरूद्ध भाजपा-संघी सरकार बनाने वाले लोकतंत्र के प्रहरी है जो लोकतंत्र का दुश्मन कौन है? विद्रोही ने सवाल किया कि मोदी सरकार की जनविरोधी, आमजन विरोधी व पंूजीपतिप्रस्त नीतियों का विरोध करने वालों की अवाज को कुचलने के लिए उन पर देशद्रोह व आतंकवादी विरोधी कानून यूएपीए के तहत मुकदमे बनाने वाले मोदी-संघ ही यदि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र, नगारिक अधिकारों व संविधान के प्रहरी है जो इन्हे कुचलकर देश पर फासीजम लादने का कुप्रयास करने वाला कौन है? वर्षो से अर्जित देश की सम्पत्ति को औने-पौने दामों में मोदी मित्र पंूजीपतियों को बेचने वाले ही यदि ईमानदार, राष्ट्रवादी, आमजन हितैषी है तो पूंजीपतियों के दलाल, भ्रष्टाचारी, राष्ट्र विरोधी कौन है?

विद्रोही ने आमजनों से अपील की कि वे मोदी-भाजपा-संघ की सत्ताबल, धन बल पर इवेंट करके अपने को जनहितैषी, राष्ट्रवादी साबित करने की नौटंकियों से गुमराह होने की बजाय संघीयों का असली फासिस्ट, साम्प्रदायिक, उन्मादी, भ्रष्टाचार, लुटेरा चेहरा पहचाने व लोकतंत्र, संविधान, जनादेश की पवित्रता को बचाये।

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