-बलात्कार जैसे जघन्य अपराध चर्म पर, यह कहना है राव धीरज सिंह युवा अध्यक्ष हरियाणा आम आदमी पार्टी।

गुडग़ांव – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा सरकार के 600 दिन पूरे होने पर अपनी उपलब्धियां गिनवाने पर कटाक्ष करते हुए राव धीरज सिंह युवा अध्यक्ष हरियाणा ने कहा कि यह 600 दिन उपलब्धियों के नहीं बल्कि विफलताओं की परीकाष्ठा के दिन रहे हैं तथा हरियाणा की जनता खट्टर सरकार के बचे हुए कार्यकाल के एक एक दिन काटने का इंतजार कर रही हैं।

राव धीरज सिंह ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा सरकार उन 600 दिन की उपलब्धियों को गिना रही जहां देश के अन्नदाता छह महीने से ज्यादा समय से गर्मी सर्दी और बरसातों में सडकों पर बैठे हैं और इन 600 दिनों में 600 अन्न दाताओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।

राव धीरज सिंह ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों की बदौलत ही आज हरियाणा बेरोजगारी और अपराध में नंबर वन पोजीशन पर आया खड़ा हुआ है। युवाओं को रोजगार देना तो दूर की बात मनोहर सरकार ने तो उन कर्मचारियों को भी घर बैठाने का काम किया है जो कई कई साल से नौकरी कर अपने परिवारों का पेट पाल रहे थे। दूसरा जिस सरकार में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक जनता के बीच जाने से डरते हो उससे बड़ी विफलता और एक सरकार की क्या हो सकती है।

राव धीरज सिंह ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा जो अब तक हरियाणा में नहीं हुआ वह अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करके दिखा दिया है। जिस हरियाणा में ऐसा कभी नहीं हुआ था कि इतने लंबे समय से सड़कों पर अन्नदाता बैठे हों, देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हो ,पेट्रोल डीजल के रोजाना दाम बढ़ते हों, राज्य में सर्वाधिक अपराध दर हो, इसलिए इन असफल उपलब्धियों को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह इतिहास की पहली ऐसी गठबंधन सरकार है जो 600 दिनों में भी अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम नहीं दे पाई। उन्होंने कहा प्रदेश पर सवा दो लाख करोड़ के करीब कर्ज हो चुका है जबकि सरकार के पूरे कार्यकाल में कोई बड़ी परियोजना बड़ा संस्थान या उद्योग हरियाणा स्थापित नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के मामले में ही पूरी तरह फेल साबित हुई है नतीजन छात्रों एवं अभिभावकों का सरकारी स्कूलों से भरोसा टूट चुका है।

राव धीरज सिंह ने कहा प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है अपराधी बेलगाम है और सरकार बेसुध। चोरी लूट डकैती फिरौती और हत्या प्रदेश में दिनचर्या का हिस्सा बन गई है। सरेआम किसी की गोली मारने या हत्या की खबरें आम हो चली है। आम जनता की जान माल की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं है। खुद सरकार के आंकड़े प्रदेश में बढ़ते अपराध की तस्वीरें ब्यान करते हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में आबादी के हिसाब से सबसे ज्यादा हत्याएं होती हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं प्रदेश में रोजाना तीन से चार हत्याएं 5 से 6 रेप,100 से ज्यादा लूट, चोरी, डकैती और फिरौती की वारदातें होती हैं।

उन्होंने कहा प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और सरकार का गैर जिम्मेदाराना रवैया कानून व्यवस्था की बदतर हालत के लिए जिम्मेदार है। बेरोजगार युवा हताशा और निराशा के चलते अपराध में नशे की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार के पास ने बेरोजगारी को रोकने का कोई रोड में है और ना ही अपराध को रोकने का।

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