एक शिक्षक एक पुस्तक अभियान के तहत अब तक लगभग दो हजार किताबेंं आई। भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पुस्तकों का सबसे बड़ा रोल होता है। जिला के युवा अपने लक्ष्य को पाने मेंं कामयाबी हासिल करें इसी उद्देश्य से जिला प्रशासन लगातार बस अड्डा के सामने स्थित जिला पुस्तकाल में सुविधाओंं के साथ-साथ पुस्तकों मेंं बढ़ौतरी कर रहा है। इसी कड़ी में आज अध्यापकगणोंं ने उपायुक्त अजय कुमार को 50 किताबेंं भेंट की। मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कौस्तुभ विराट ने बताया कि उपायुक्त की ओर से कुछ माह पहले एक शिक्षक एक पुस्तक का आह्वान किया गया था। इस आह्वान पर जिले के शिक्षक व आम नागरिक लगातार पुस्तकें दान कर रहे हैं। आज राजकीय सीनियर सेेकेंडरी स्कूल मंढाना की प्राधानाचार्य बिंदु यादव, पीजीटी महेश कुमार व पीजीटी रंजना ने उपायुक्त को विभिन्न विषयोंं से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध कराई। सीएमजीजीए ने बताया कि जिला पुस्तकालय के सुधार पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला लाइब्रेरी को डिजिटलाइज करने की दिशा मेंं लगातार काम हो रहा है। यह जिला की पहली ऐसी लाइब्रेरी होगी जो पूरी तरह से डिजिटलाइज होगी। इस मामले मेंं हम प्रदेश मेंं अग्रणी हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा किताबें दान करने के आह्वान के बाद अब तक लोगोंं ने दो से ढाई हजार किताबें इस पुस्तकालय को दान दी हैं। यह बहुत ही बड़ी बात है। वैसे तो किताबोंं का कोई मूल्य नहीं होता लेकिन अगर इन किताबों की मार्केट वैल्यू देखे तो हजारों रुपए की किताबें लोगोंं ने खुशी-खुशी दान दी हैं और यह सिलसिला आज भी जारी है। इसी का नतीजा है कि अब इस पुस्कालय में हर प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं से लेकर अन्य विषयों की किताबें उपलब्ध हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस पुस्तकालय का लाभ उठाएं। यहां पर हर प्रकार की प्रतियोगिता से संबंधित पुस्तकें हैं। यहां पर हर प्रकार के संसाधन मुहैया करवाया जाएगा। छात्र भी अपनी सुविधा अनुसार यहां पर किसी चीज का सुझाव देना चाहें तो दे सकते हैं। फिलहाल लाइब्रेरी में पर्याप्त मात्रा मेंं फर्नीचर व अन्य सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि धीर-धीरे इस लाइब्रेरी को उत्तम लाइब्रेरी बनाया जाएगा। साथ ही पढऩे वाले बच्चों की इच्छाओं का ध्यान रखते हुए सुविधाएं दी जाएंगी। डीसी का आह्वान, अभियान से जुड़ें नागरिक उपायुक्त अजय कुमार ने जिला के नागरिकों से आह्ïवान किया है कि वे ऐसी किताबोंं को दान करें जो वे पढ़ चुके हैं। इस अभियान मेंं ज्यादा से ज्यादा नागरिक जुड़ें। उन्होंने कहा कि यह अभियान देखने में भले ही छोटा लग रहा हो लेकिन इसका असर बहुत बड़ा होता है। बहुत से बच्चे जो किताबोंं का खर्च नहीं उठा सकते उनके लिए जिला लाइब्रेरी एक बेहतरीन प्लेटफार्म है। अब जिला मेंं हर प्रकार की किताबें उपलब्ध हैं। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह सबसे उत्तम स्थान है। Post navigation अनुसूचित जाति के घरों में घूंसा खामपुरा के जोहड़ का गंदा पानी, डेंगू फैलने का बना अंदेशा। हिंदुस्तान के लिए जैसे मिल्खा थे वैसे ही पाकिस्तान के लिए अब्दुल खलीक थे।