गांवों में घुस तक नही पा रहे है, फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल किस बात का जश्न मना रहे : विद्रोही

आम हरियाणवीं बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, जंगलराज, बेलगाम, अफसरशाही, कुव्यवस्था से त्रस्त है, फिर खट्टर जी अपने मंत्रीमंडल के साथ किस बात का गुणगान प्रैसवार्ता में कर रहे थे, यह समझ से परे है। 

18 जून 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने भाजपा-जजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से सवाल किया कि भाजपा के सत्ता में 600 दिन पूरे होने पर उन्होंने मंत्रीयों के साथ किस बात की सामूहिक प्रैसवार्ता की? क्या यह प्रैसवार्ता कोरोना संक्रमण काल से निपटने की असफलता, प्रदेश को बेरोजगारी का सिरमौर बनाने, हरियाणा में प्रशासनिक-राजनीतिक भ्रष्टाचार बढ़ाने, किसान विरोधी सोच, सामाजिक उन्माद व प्रदेश की सत्ता की बागडोर हरियाणा के बाहर के संघीयों का जश्न था? 

वहीं मुख्यमंत्री के बगल में बैठकर इतरा रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से विद्रोही ने पूछा कि क्या वे भाजपा के सत्ता के 600 दिन पूरे होने पर इसलिए जश्न मना रहे थे कि उन्होंने अक्टूबर 2019 का चुनाव भाजपा खट्टर सरकार के 2014 व 2019 के 365 दिन के कार्यकाल को झूठ, लूट, कुव्यवस्था का शासन बताकर मतदाताओं से भाजपा को जमना पार भेजने के नाम पर जजपा के 10 विधायक निर्वाचित करवाये थे? भाजपा शासन के 600 दिन का गुणगान करने वाले प्रैसवार्ता में बैठकर दुष्यंत चौटाला को जरा भी शर्म महसूस क्यों नही हुई? भाजपा खट्टर के जिस 2014-19 के शासन को जजपा-दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा, किसान, आमजन विरोधी, भ्रष्टाचारी, लुटेरा राज बताकर वोट मांगी थी, उसका गुणगान अनैतिकता व मतदाताओं से धोखाधड़ी की पराकाष्ठा नही तो क्या है?

विद्रोही ने कहा कि जो हरियाणा कभी पूरे देश को रोजगार देने के लिए विख्यात था, उसी खुशहाल प्रदेश को खट्टर जी ने अपने 600 दिन के शासन में आर्थिक रूप से बदहाल बनाकर पूरे देश में बेरोजगारों का सिरमौर बना दिया। हरियाणा की पहचान, शान-बान किसान है अैर वहीं कमेरा अन्नदाता किसान 7 माह से सड़कों पर बैठकर भाजपा राज के खिलाफ कड़कड़ाती सर्दी, भयंकर गर्मी, आंधी-बरसात में दिन-रात चौबीस घंटे आसमान के नीचे सड़कों पर बैठा है। फिर खट्टर किस बात का जश्न मना रहे थे? जो मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा सांसद, विधायक किसानों के भारी विरोध के कारण गांवों में घुस तक नही पा रहे है, शहरों-कस्बों में राजनीतिक, सरकारी कार्यक्रम तक नही कर पा रहे है, मुख्यमंत्री खुद अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल में जा तक नही पा रहे है, फिर किस बात का गुणमान किया जा रहा है? 

विद्रोही ने कहा कि खट्टर जी के कुशासन के कारण वर्ष 2014 में हरियाणा पर विभिन्न बैंकों व वित्तिय संस्थाओं का 60 हजार करोड़ रूपये कर्ज था, वह खट्टर राज के 600 दिन में बढ़कर 2 लाख करोड़ रूपये हो चुका है। प्रशासनिक व राजनीतिक भ्रष्टाचार के चलते प्रदेश की नौकरशाही बेलगाम होकर आमजनों को लूट रही है। पुलिस-खाकी का खौफ अपराधियों व अराजक तत्वों में खत्म हो चुका है जिसके कारण रेप, गैंगरेप, हत्याएं, चोरी, महिला अपराध की घटनाएं सहित सामान्य अपराध तेजी से बढ़ रहे है। फटेहाल संघी 600 दिनों की लूट-खसोट में मालामाल हो गए और कभी आर्थिक रूप से खुशहाल हरियाणा व आम हरियाणवीं आर्थिक रूप से बदहाल हो गए। विद्रोही ने कहा कि आम हरियाणवीं बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, जंगलराज, बेलगाम, अफसरशाही, कुव्यवस्था से त्रस्त है, फिर खट्टर जी अपने मंत्रीमंडल के साथ किस बात का गुणगान प्रैसवार्ता में कर रहे थे, यह समझ से परे है। 

You May Have Missed

error: Content is protected !!