रेवाड़ी, 17 जून 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने मुख्यमंत्रीे मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि वे प्रदेश में बेेरोजगारी पर एक श्वेत पत्र जारी करे। विद्रोही ने कहा कि सीएमआईई व नीति आयोग के बेरोजगारी के संदर्भ में जारी आंकड़े साफ बता रहे है कि कभी पूरे देश में बेरोजगारों को रोजदार देने वाला हरियाणा आज बेरोजगारी के मामले में देश का सिरमौर राज्य बनता जा रहा है। मुख्मयंत्री खट्टर सीएमआईई के आंकडों को यह कहकर नकारते है कि यह कांग्रेसी संस्था है। वहीं नीति आयोग के आंकड़ों को यह कहकर नकारतेे है कि यह तथ्यों के अनुसार नही है। सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री बेरोजगारी के संदर्भ में सीएमआईई व नीति आयोग के आंकड़े मानने को तैयार नही है तो प्रदेश की जनता खट्टर जी की बेरोजगारी पर की जा रही जुमलेबाली पर क्यों विश्वास करे? 

विद्रोही ने कहा कि जमीनी सच्चाई यही है कि प्रदेश में बेरोजगारी विगत 50 सालों में सबसे ज्यादा है। कभी आर्थिक रूप से खुशहाल आम हरियाणवीं की आर्थिक हालत बद से बतदर हो रही है। किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। मजदूर व कमेरा वर्ग दो वक्त की रोटी भी नही जुटा पा रहा है। नौकरीपेशा, मध्यम व निम्न वर्ग इस  भयंकर महंगाई में बडी मुश्किल से अपना घर चला रहे है। उसकी बचत अब खत्म हो रही है। उसे अपनी विभिन्न बैंक लोन की ईएमआई देने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। विद्रोही ने कहा कि उच्च मध्यम वर्ग व धन्ना सेठों को छोड़कर जब पूरा प्रदेश आर्थिक रूप से बदहाल है। स्वयं हरियाणा सरकार पर 2 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो, तब सरकार यह दावा कि प्रदेश में सबकुछ चंगा सी, एकदम स्थिति को नकारने वाली खतरनाक सोच है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद बेरोजगारी भी बढ़ी है, वहीं आमजनों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है और मानव सूंचाक व जीडीपी में गिरावट आई है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि प्रदेश में रोजगार व बेरोजगारी की वास्तविक स्थिति क्या है, यह तथ्यों के साथ हरियाणा के लोगों को बताया जाये। 

विद्रोही ने कहा कि यह तभी संभव है जब सरकार पूरे तथ्यों के साथ रोजगार व बेरोजगारी के आंकड़ों पर श्वेत पत्र जारी करे। मुख्यमंत्री बताये कि प्रदेश में कुल कितनी सरकारी क्षेत्र में स्वीकृत नौकरियों के पद है और उनमें कितने पद खाली है। भाजपा सरकार आने के बाद कितने अनुबंध के सरकारी, अर्धसरकारी विभागों के कर्मचारियों को नौकरी से हटाया व कितने लोगों को लगाया। प्रदेश में एम, बीए व उच्च स्तर के कितने डिग्री होल्डर है और उनमें कितने बेरोजगार है। अंडर ग्रेजुएट, 12वीं व दसवीं पास कितने युवा है और उनमें कितनों के पास रोजगार है। वहीं दसवीं से कम कितने युवा शिक्षित है और उनमें कितनों के पास रोजगार है व कितने बेरोजगार है। वहीं प्रदेश के बड़े उद्योगों में कुल कितने कर्मचारी व मजदूर काम कर रहे है और उनमें कितने हरियाणा के मूलनिवासी है।

विद्रोही ने कहा कि इन सभी तथ्यों व रोजगार और बेरोजगारी से जुड़े अन्य तथ्यों पर भाजपा सरकार विस्तृत श्वेत पत्र जारी करे ताकि प्रदेश में रोजगार व बेरोजगारी की सही तस्वीर जनता के सामने आ सके। 

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