– नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
– बैठक में विभिन्न अवहेलनाओं के लिए किए जाने वाले चालान, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम स्वनिधि योजना, स्ट्रीट वैंडिंग परियोजना आदि की हुई समीक्षा

गुरूग्राम, 16 जून। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने निगम अधिकारियों से कहा कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम सहित विभिन्न नियमों के तहत की जाने वाली अवहेलनाओं पर नगर निगम गुरूग्राम द्वारा किए जाने वाले चालान की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। इसकी जिम्मेदारी इनफोर्समैंट टीमों को दी जाएगी।

निगमायुक्त ने उक्त निर्देश बुधवार को अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में बताया गया कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा विभिन्न अवहेलना करने वालों के चालान किए जाते हैं। इनमें मुख्य रूप से प्लास्टिक कैरीबैग का उपयोग, सार्वजनिक स्थान पर कचरा फैलाने, खुले में शौच एवं पेशाब करने, अनाधिकृत रूप से मलबा डालने एवं सीवरेज वेस्ट डालने, कचरा जलाने, अवैध विज्ञापन लगाने, अवैध मीट शॉप सहित पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना आदि शामिल हैं। ये अवहेलनाएं करने वालों के खिलाफ नगर निगम गुरूग्राम द्वारा कार्रवाई की जाती है। अलग-अलग अवहेलनाओं में किए जाने वाले चालान एवं अन्य दंड प्रावधान नियमों के तहत निर्धारित किए गए हैं। निगमायुक्त ने कहा कि अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

बैठक में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में यह योजना शुरू की गई थी। योजना के तहत स्वरोजगार हेतु जरूरतमंद व्यक्तियों एवं स्वयं सहायता समूहों को सबसिडाईज ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। इसमें व्यक्तिगत तौर पर 2 लाख रूपए तथा स्वयं सहायता समूह के तौर पर 10 लाख रूपए की ऋण राशि का प्रावधान है। प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को नए आवास निर्माण के लिए 2.50 लाख रूपए तथा निर्माण एनहांसमैंट के तहत 1.50 लाख रूपए दिए जाने का प्रावधान है। गुरूग्राम में योजना के तहत 537 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 392 आवेदन ऐसे पाए गए हैं, जो पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। शेष बचे पात्र व्यक्तियों को एलओआई जारी की जा चुकी है। पीएम स्वनिधि योजना के बारे में बताया गया कि कोरोना काल में लॉकडाऊन के चलते जिन स्ट्रीट वैंडरों का काम-धंधा बन्द हो गया था, उन्हें दुबारा से काम शुरू करने के लिए सरकार द्वारा 10 हजार रूपए की ऋण राशि सस्ती ब्याज दरों पर बैंको माध्यम से उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। योजना के तहत 5087 वैंडरों को एलओआर जारी की गई, जिनमें से 4572 व्यक्ति पात्र पाए गए हैं।

स्ट्रीट वैंडर परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्ष 2014 तथा वर्ष 2018 में की गई सर्वे के तहत गुरूग्राम में 18670 स्ट्रीट वैंडर चिन्हित किए गए थे। योजना के तहत 148 स्ट्रीट वैंडिंग जोन बनाए गए, जिनमें से 29 वैंडिंग जोन विभिन्न कार्यों के चलते डिस्टर्ब हो गए हैं। इस मामलें में चार एजेंसियों को कार्य अलॉट किया गया था, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। एजेंसियों को प्रति माह प्रति वैंडर के हिसाब से नगर निगम गुरूग्राम में 500 रूपए जमा करवाने थे, जो कि नहीं करवाए गए। इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के पास आगामी आदेशों के लिए भेज दी है।

निगमायुक्त ने कहा कि वैंडिंग जोन में अनाधिकृत रूप से वैंडिंग का कार्य करने वालों को हटाया जाए तथा अधिकृत वैंडरों से मासिक फीस ली जाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम क्षेत्र में बिना लाईसैंस प्राप्त किए कोई भी स्ट्रीट वैंडर नहीं घूमना चाहिए। यह सुरक्षा की दृष्टि से भी सही नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्ट्रीट वैंडरों को रैगुलेट मैनर में लाने की योजना तैयार करें।

बैठक में एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर रोहताश बिश्नोई, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिशनर डा. विजयपाल यादव, चीफ अकाऊंट ऑफिसर विजय सिंगला, सिटी प्रोजैक्ट ऑफिसर समीर श्रीवास्तव तथा सहायक अभियंता कुलदीप सिंह उपस्थित थे।

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