भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। गुरुग्राम में आजकल चर्चा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पूरा ध्यान गुरुग्राम पर है, इसीलिए वह यहां की कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन भी हैं, बार-बार दौरे भी करते हैं और उनके विश्वास पात्र अधिकारियों की ही यहां नियुक्ति होती है। गुरुग्राम का हरियाणा में विशेष स्थान है, क्योंकि सारा हरियाणा अगर कहें कि गुरुग्राम के राजस्व से ही चलता है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। अब गुरुग्राम पर नजर डालें तो माता शीतला का विशेष स्थान है और गुरुग्रामवासी कहते हैं कि माता शीतला से वादा करके भी गर्भगृह में माता की मूर्ति स्थापित नहीं की है। इससे गुरुग्राम माता के कोप का भाजन बन सकता है। दूसरी ओर बस अड्डे पर नजर डालें तो सालों से कह रहे हैं कि नए बस अड्डे का निर्माण होगा लेकिन नहीं हुआ। वह बस अड्डा जो कंडम घोषित किया गया है, उसी में कर्मचारी और यात्री मजबूरीवश जाने को मजबूर हैं। कहा जा सकता है कि उनके सिरों पर दुर्घटना का साया मंडराता रहता है। ऐसे ही बात करें अब अस्पताल की तो वर्षों हो गए अस्पताल को बनते-बनते लेकिन अभी भी यह नहीं पता कि वह बनेगा कब? चलिए बात करते हैं प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की तो जैसी स्वच्छता गुरुग्राम में नजर आती है, वह अपने आप गुरुग्राम में भ्रमण करने वालों को बता देगी कि कितना प्रयास किया जा रहा है प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के सपने को। बिजली के बारे में वर्षों से गुरुग्राम को नो पॉवर कट जोन घोषित किया हुआ है लेकिन स्थिति आपके सामने है। गुरुग्राम की राजनीति में विपक्ष तो कहीं नजर ही नहीं आता और सत्ता पक्ष के नेताओं को ये सब चीजें दिखाई देती नहीं। हां पिछले कुछ समय से कुछ भाजपाई ही सवाल अवश्य उठाने लगे हैं अनुचित कार्यों पर। सवाल उठाने पर बात करें सवाल तो भीम सिंह राठी भी उठा रहे हैं पुरजोर तरीके से कि सफाई के ठेकों में करोड़ों रूपए का घपला हुआ है पूर्व निगमायुक्त विनय प्रताप द्वारा। ऐसे ही विनय प्रताप के बारे में तब भी चर्चा हुई थी जब इन्होंने बहुत से अधिकारियों को वर्क सस्पेंड किया था। उस समय उन पर आरोप थे फर्जी पेमेंट के व फर्जी दस्तखत कराने के। वैसे तो वह सीधे-सीधे आपराधिक केस बनते हैं लेकिन निगमायुक्त की जांच में उन सभी को दोषमुक्त पाया और उन्हें उनकी शक्ति बढ़ाकर कार्य पर रख लिया। वर्तमान में डीटीपी आरसी बाठ का नाम बड़ी चर्चाओं में चल रहा है कि इन्हें न्यायालय की रोक के बावजूद आयुध डिपो के 900 मीटर के प्रतिबंधित दायरे में बनती इमारतें तो नजर आती नहीं लेकिन स्टे हुई इमारत को गिरा आते हैं। प्रयास किया है कि गुरुग्राम की स्थिति बताई जाए कि इन स्थितियों पर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता? इस बात पर ही अनेक भाजपाइयों द्वारा ही यह कहा गया कि यहां किसी की कोई सुनवाई नहीं है। ये कहावत है न कि जा पर कृपा राम की हुई-ता पर कृपा कर सब कोई लेकिन वर्तमान में अधिकारी वर्ग में प्रचलित है कि जा पर कृपा मनोहर की हुई-ता पर कृपा कर सब कोई। Post navigation गार्गी कक्कड़ की अध्यक्षता में संपन्न हुई प्रदेश व जिला पदाधिकारियों की एक बैठक कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की सूचना प्रशासन को दे जिलावासी