प्रदेश में बेरोजगारी के सारे रिकार्ड ध्वस्त,प्रदेश में आर्थिक अराजकता का माहौल,बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दे सरकार -डॉ सुशील गुप्ता

युवा प्रदेश अध्यक्ष राव धीरज सिंह ने कहा प्रदेश में बेरोजगारी ने अब तक के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। आर्थिक स्थिति पूरी तरह छिन्न भिन्न हो गई है जिसकी वजह से प्रदेश में अराजकता का माहौल है। पिछले 15 महीनो से लोग घरों में बैठे हैं जिसकी वजह से हालात यहां तक पहुँच गए हैं कि अब उन्हें दो जून की रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। इन भयावह हालातों के लिए केवल और केवल भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जिम्मेवार है। उन्होंने मांग की है की या तो सरकार इन्हें नौकरी दे या नौकरी मिलने तक बेरोजगारी भत्ता दे।

उन्होंने कहा कि इस महामारी की दौर में नए रोजगार की बात तो दूर सालों से कार्यरत लोगों को नौकरी छीन गई हैं। प्राइवेट सेक्टर में तो हालात और भी खराब हैं तो वहीँ हरियाणा सरकार द्वारा षड्यंत्र के तहत कई वर्षों से कार्यरत सरकारी कर्मचारियों और कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। इस सरकार की नाकामियों का ही यह नतीजा है “इज आफ डूइंग बिजनेस” में हरियाणा प्रदेश तीसरे नंबर से 16वें स्थान पर पहुँच गया है। वहीँ आर्थिक मोर्चे पर सरकार की विफल नीतियों के चलते उद्योग जगत में त्राहिमाम त्राहिमाम मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि एस डी जी सूचकांक के अनुसार अब हरियाणा बेरोजगारी एवं अपराध में टॉप 3 राज्यों में है। नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी है।

उन्होंने प्रदेश में विकराल रूप ले चुकी बेरोजगारी पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए की है हरियाणा बेरोजगारी के मामले में लगातार उच्च स्तर पर चल रही है। बेरोजगारी को लेकर सर्वे करने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) के आंकड़े भी बताते हैं कि प्रदेश का हर तीसरा व्यक्ति बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। बावजूद इसके नौकरियां देने की बजाय सरकार लगातार छटनी करने में लगी हुई है। नई भर्तियां करने की बजाय पुरानी भर्तियों को रद्द किया जा रहा है। भर्ती परीक्षाओं के इंतजार में युवा ओवर एज हो रहे हैं। रोजगार के नाम पर सरकार ठेकेदारी प्रथा को आगे बढ़ा रही है। जिसके चलते ठेकेदारों के जरिए रोजगार के नाम पर युवाओं से जमकर लूट हो रही है।

उन्होंने कहा की युवाओं को नौकरी का झांसा देकर सरकार बनाने वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की वजह उनको बेरोजगार करके घर में बैठा दिया है। सरकार ने नौकरियां निकालने कहीं ढिंढोरा तो पीटा लेकिन एक भी युवा को रोजगार नहीं दिया। यही कारण है कि आज प्रदेश में बेरोजगारी दर 29 फ़ीसदी तक पहुंच गई है। जबकि सरकार कह रही है कि उन्होंने लाखों युवाओं को नौकरियां दी है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के दौर में जहां सरकार को चाहिए था कि बेरोजगारों को रोजगार दे वहीं सरकार ने 7 भर्तियां रद्द करके पहले तो हजारों युवाओं को घर बैठाया,वही 2 साल में 30000 पदों के लिए निकाली विभिन्न भर्तियों को अटकाया हुआ है। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों के लिए पांच लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन कर रखा है। सरकार ने तो कांस्टेबल के साढ़े सात हज़ार पदों के विज्ञापन जारी करके आवेदन ही नहीं लिए। इसी प्रकार बिजली विभाग के तीन हज़ार तथा हेल्थ विभाग के चार हज़ार से ज्यादा पदों की परीक्षा अभी तक सरकार ने अटका रखी है।

उन्होंने कहा हरियाणा में पिछले कई सालों से न तो डाक्टर्ज की भर्ती हो रही है और ना ही टीचर की। हजारों एचटेट जेबीटी पास युवा भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी-जजपा गठबंधन सरकार के साडे 6 साल में एक भी भर्ती नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी का सीधा संबंध प्रदेश की कानून व्यवस्था और अपराध के बढ़ते ग्राफ से है। बेरोजगारी जितनी बढ़ेगी अपराध भी उतना ही बढ़ेगा। रोज-रोज होने वाली चोरी लूट डकैती फिरौती अपहरण रेप और हत्या की वार्ता वारदातें इसका सबूत है। इसलिए सरकार को जमीनी हकीकत ने नजरें चुराने की बजाय समस्या के समाधान की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए।

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